श्रीकृष्ण की बाललीलाओं में छिपा है जीवन की खुशियों का सार

श्रीकृष्ण की बाललीलाओं में छिपा है जीवन की खुशियों का सार

  • – श्री द्वारिकाधीश मंदिर परिसर में श्रावण मास में धार्मिक आयोजन

इटारसी। पवित्र पावन श्रावण माह के बाद पुरुषोत्तम मास में श्री द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर (Shri Dwarkadhish Bada Mandir) में जारी संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा (Shrimad Bhagwat Katha with music) के पंचम दिवस शनिवार को कथाव्यास पंडित मधुकर व्यास ने श्रीकृष्ण (Shri Krishna) की बाल लीलाओं की कथा सुनायी। कथाव्यास पं मधुकर व्यास (Madhukar Vyas) ने व्यासपीठ से संबोधित करते हुए कृष्ण जन्म के बाद उनकी बाल लीलाओं जैसे माखन चोरी, गाय चराने, पूतना और अन्य राक्षसों का वध सहित अन्य कथा विस्तार से सुनायी।

पं व्यास ने कहा कि भगवान ने बाल काल की लीलाओं से ही संसार को हमेशा खुशी एवं उल्लास से जीने की शिक्षा दी है। भगवान ने जन्म के बाद गोकुल में हर दिन मस्ती के साथ जगत को नया संदेश दिया है। भगवान ने माखन चुराकर माता यशोदा और सभी गोपियों ग्वालों का मन मोह लिया था। उन्होंने बचपन मे ही उनका वध करने आयी राक्षसी पूतना का भी संहार किया साथ ही बकासुर जैसे राक्षसों को भी मार गिराया।

भगवान श्री कृष्ण का सम्पूर्ण बचपन इतनी ठिठोलियो, नटखट अंदाज में मस्ती के बीच बीता कि आज युगों के बीत जाने के बाद भी हर माता अपने पुत्र में उनकी छवि देखती है। पं व्यास ने कहा कि श्रीकृष्ण के बाल्यावस्था की कथा वर्तमान में संसार मे फैले नकारात्मक विचारों को खत्म करके सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने वाली है। कथा की शुरुआत में यजमान प्रमोद पगारे एवं धनराज कुशवाह सहित अमित सेठ दरबार ने व्यासपीठ का पूजन और महाराज श्री का स्वागत किया।

इसके साथ ही विशेष रूप से पधारे विधायक डॉ सीतासरन शर्मा ने भी व्यासपीठ और महाराज श्री का पूजन आरती की। बता दें कि प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से 6 बजे तक कथा का श्रवण कराया जाएगा। कथा में वाद्ययंत्र ऑर्गन एवं गायन पर दीपक तिवारी, ढोलक और गायक सीताराम, मंजीरा पर दीपेंद्र दुबे संभाल रहे है। कथा के सफल आयोजन में मंदिर प्रबंधन समिति के दिनेश सैनी का महत्वपूर्ण सहयोग है।

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AUTHORRohit

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