इटारसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब देश में लॉकडाउन घोषित किया तो हजारों लोग अपने घरों से दूर थे। दो दिन तो लोगों को अपने-अपने घर तक जाने के लिए ट्रेनों का साधन मिल गया। लेकिन, इसके बाद रेलवे ने जब ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया तो जो जहां है, वहीं फंस गया। देश में अनेक लोगों के पैदल, मालगाड़ी, दूध के टैंकरों से अपने घरों तक जाने की खबरें आ रही हैं। ऐसे ही अपने घरों तक नहीं पहुंच पाये पेंट्री कार के दो सैंकड़ा कर्मचारी शुक्रवार को सुबह इटारसी रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन के रैक में बैठकर आये और यहां उतर गये। अचानक इतनी बड़ी संख्या में आए लोगों को देख स्टेशन प्रबंधन के होश उड़ गये। आरपीएफ और जीआरपी ने सभी को प्लेटफार्म पर ही दूर-दूर बिठाया और उनके भोजन का इंतजाम किया। इसके बाद उनको घर भेजने की व्यवस्था की जा रही है।
सुबह करीब पौने आठ बजे यशवंतपुर ट्रेन के खाली रैक से पेट्रीकार के कर्मचारी उतरे। इनकी संख्या करीब साठ से सत्तर बतायी जा रही है। एक अन्य ट्रेन से भी यात्री आये और करीब दो सैंकड़ा कर्मचारी इटारसी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर आये। आरपीएफ और जीआरपी ने सबको समान दूरी बनाकर बिठाया। यहां सभी का मेडिकल चेप अप किया। सभी को सेनेटाइज किया। इनमें ज्यादातर बीना और झांसी के रहने वाले हैं जबकि एक कर्मचारी संजय बरखने इटारसी के काबड़ मोहल्ले का रहने वाला है। रेलवे के कमर्शियल विभाग की मदद से सबके लिए भोजन तैयार कराया और आरपीएफ और जीआरपी की मदद से सबको प्लेटफार्म पर ही भोजन कराया।