समर्थन मूल्य पर मूंग-उड़द खरीदी की तारीख बढ़ी
इटारसी। कृषि उपज मंडी में मूंग की खरीदी में देरी होने से नाराज किसानों ने आज दोपहर करीब 1 बजे नेशनल हाईवे 69 पर जाम लगा दिया। उग्र किसानों ने एनएच पर ट्रालियां लगाकर रास्ता पूरी तरह से ब्लाक कर दिया। नतीजतन सड़क के दोनों तरफ सैंकड़ों की संख्या में वाहनों के पहिए थमे रहे। किसान मूंग खरीदी में हो रही देरी से नाराज थे और इसमें तेजी लाने की मांग कर रहे थे। इधर देर शाम कृषि उत्पादन आयुक्त ने समर्थन मूल्य पर प्याज, मूंग, उड़द और तुवर खरीदी की तिथि बढ़ा दी है. अब प्याज 15 जुलाई तक और उड़द, मूंग 31 जुलाई तक खरीदी जाएगी।
मानसून सिर पर आ गया है, खेत तैयार करना है और किसान खेत की जगह कृषि उपज मंडी में पांच-पांच दिन से अपनी मूंग की फसल बेचने के लिए पड़ा है। मंडी में हजारों क्विंटल मूंग की आवक है और प्रशासन के पास मूंग की खरीदी, परिवहन और भंडारण के उचित प्रबंध नहीं होने से उपज खरीदी में देरी हो रही है। बारिश का मौसम किसानों को उतावला बनाकर आंदोलन को मजबूर कर रहा है, यही कारण है कि हर रोज किसान को मंडी परिसर छोड़कर सड़क पर आना पड़ रहा है।
सरकार के खिलाफ नारेबाजी
दोपहर लगभग 1 बजे खरीदी में हो रही लेटलतीफी से नाराज किसानों का धैर्य जवाब दे गया और गुस्सा फूटा नेशनल हाईवे से जाने वाले वाहन चालकों पर। किसानों ने बीच रोड पर ट्रालियां उड़ाकर रास्ता रोक दिया और किसी को भी इस तरह से उस तरफ नहीं निकलने दिया। किसानों का कहना है कि पांच-पांच दिन से मंडी में पड़े हैं, किसी का माल बिका नहीं, जिसका बिका उसका तुला नहीं। ऐसे में किसान मंडी में फंसा है, वह अपने घर तक नहीं जा पा रहा है। किसान का गुस्सा चढ़ा तो एनएच पर आकर सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
अगली फसल की चिंता
किसान को अगली फसल की चिंता है। मूंग के समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए महज एक सप्ताह का समय शेष रह गया है, किसान इस अवधि के खत्म होने से पहले अपनी उपज बेचकर घर जाना और खेत तैयार करके अगली फसल की बोवनी की चिंता कर रहा है। किसान का कहना है कि यहां अधिकारी किसान को उपज खरीदी और तौल के लिए यहां से वहां भटका रहे हैं। हम मंडी में उपज लेकर आए हैं, यही खरीद की जाए, हम यहां से कहीं अन्य जगह नहीं जाएंगे। हमारी चिंता है कि हमें खरीफ की बोवरी करना है और हम फसल बेचने यहां पांच दिन से पड़े हैं।
गोली मार दो, हम नहीं जाएंगे
जिस वक्त किसान आंदोलन कर रहे थे, एक युवक को पिछले दो दिन से देख रहे एसडीओपी अनिल शर्मा ने उसे कह दिया कि तुम अधिक आगे हो रहे हो, तुम्हारी पहचान हो गई है। उस वक्त तो युवक शांत हो गया लेकिन उसने साथी किसानों को बता दिया कि एसडीओपी ने उसे ऐसा कहा। इसके बाद कुछ अन्य किसानों के साथ युवक आ गया और सारे किसान कहने लगे कि पुलिस हमें धमकी दे रही है, किसान बोले कि गोली मार दो हमें, हम यहां से कहीं नहीं जाएंगे। हालांकि समझाईश से मामला शांत हो गया। देर रात तक पुलिस और प्रशासन की टीम मंडी में मौजूद थी।
ये बोले किसान
पांच दिन से मंडी में पड़े हैं, हमारे अनाज की तुलाई ही नहीं हो रही है। 20 तारीख को आया था, यहां के लोग हम लोगों को यहां से वहां भटका रहे हैं। बोवनी का समय है, ऐसे में हम यहां अनाज लेकर बैठे हैं।
दुर्गेश यादव, ग्राम गुनौरा
मैं मूंग की उपज लेकर 17 जून को यहां आया था। अभी तक मेरी उपज की तुलाई नहीं हो सकी है। हम पर इस तरह से अत्याचार किया जा रहा है। हमसे कहा जा रहा है कि अनाज ग्रेडिंग कराके लाओ, कैसे काम चलेगा।
बालमुकुंद यादव, ग्वाड़ी तीखड़
यहां हमारी मूंग की खरीद नहीं करके ग्रेडिंग कराके लाने की शर्त रख रहे हैं। मंडी में तुलाई नहीं करके हमसे कोई वेयरहाउस में जाकर तुलाई कराने को कहा जा रहा है। हम यहां से कहीं नहीं जाएगी।
ब्रजेश चौधरी, बीसारोड़ा
ग्रेडिंग कराके लाने को कह रहे हैं। ग्रेडिंग कराने से हमारी उपज कम हो रही है। एफएक्यू को शिथिल करने की बात हुई थी, अब खरीद करने में बहाने बनाए जा रहे हैं, हमने एनएच रोक दिया था।
मधु पटेल, बसपा नेता