आदित्य ने जारी किया वाहन सुरक्षा का नया मॉडल
इटारसी। तेज रफ्तार वाहन से दुर्घटना के बाद उसकी नंबर प्लेट को पढऩा मुश्किल होता है। अगर रात या कम प्रकाश में दुर्घटना हो तो नंबर तो क्या प्लेट का रंग भी ठीक से दिखाई नहीं देता है। सड़क के किनारे लगे सीसीटीवी कैमरे भी लहराते डिजिट को रिकार्ड करने में असफल होते हैं। नतीजा यह होता है कि पुलिस को वाहन का पता लगाने में अतिरिक्त परिश्रम करना पड़ता है।
वाहन दुर्घटना करते समय क्या गति की मर्यादा सीमा में था इसका कोई प्रमाण नहीं होता है। इस समस्या के समाधान के लिये इटारसी के एक छात्र आदित्य पाराशर ने डिजिटल नंबर प्लेट का मॉडल बनाया है। इसमें वाहन की नंबर प्लेट में एलईडी से लिखे डिजिट होते हैं जो सामान्य गति होने पर ये सामान्य आकार में सफेद रंग के साथ प्रकाषित होते हैं। जैसे-जैसे वाहन की गति बढ़ती जाती है डिजिट का रंग पीला हो जाता है तथा आकार मध्यम हो जाता है। अगर चालक वाहन की गति मर्यादा सीमा से अधिक कर देता है तो डिजिट का आकार सबसे बड़ा होकर डिजिट लाल रंग से प्रकाशित होने लगते हैं जिन्हें 100 मीटर दूर से भी स्पष्ट पढ़ा जा सकता है। आदित्य को 2010 में डॉ कलाम ने नेशनल अवार्ड प्राप्त किया था।
आदित्य ने आज अपने इस इनोवेशन को यातायात निरीक्षक विजयशंकर द्विवेदी समक्ष प्रदर्शित किया। विज्ञानवाणी के डायरेक्टर राजेश पाराशर ने कहा कि इस नवाचार को परिवहन मंत्रालय को विचार के लिये भेजा जा रहा है। आदित्य ने बताया कि इस नंबर प्लेट से न केवल तेज रफ्तार वाहन के डिजिट को पढ़ा या रिकार्ड किया जा सकता है बल्कि उसके बदलते रंग से उसकी स्पीड का प्रमाण भी मिल सकता है। वर्तमान में विज्ञान विषय से स्नातक कर रहे आदित्य पाराशर इसके पूर्व वाइब्रेटर बेस्ड ओवरटेक अलार्म, टीवी स्क्रीन की लाइट से चार्ज होने वाला रिमोट कंट्रोल, स्कूल वैन के उपर रोटेटरी लगेज कैरियर जैसे अनेक नवाचारों के द्वारा भारत सरकार के एनआई एफ का नेशनल अवार्ड प्राप्त कर चुके हैं।