नर्मदापुरम। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (Chief Judicial Magistrate), नर्मदापुरम (Narmadapuram) के न्यायालय द्वारा आरोपी संतोषनाथ (Santoshnath) पिता शंकरनाथ (Shankarnath) एवं राजूनाथ (Rajunath) पिता शंकरनाथ को धारा वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 51 अथवा 51 सहपठित धारा-34 में 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10,000-10,000 रुपए अर्थदंड से दंडित किया।
प्रकरण में जिला अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा (District Prosecution Officer Rajkumar Nema) ने बताया कि घटना 02 दिसंबर 2017 को वनक्षेत्र पाल शिवकुमार गुर्जर (Vankshetra Pal Shivkumar Gurjar) को मुखबिर से सूचना मिली कि ग्राम डेठी निवासी संतोषनाथ एवं राजूनाथ ने जंगली सुअर का शिकार किया है। उनके घर की तलाशी लेने पर भगोनी में कच्चा मांस रखा था और दूसरी भगोनी में मांस पक रहा था। आरोपी शंकरनाथ के मकान में शौचालय में जंगली सुअर की कटी हुई दो टांग मिली और सुअर को काटने वाले औजार खून से सने हुए मिले। आरोपी शंकरनाथ को गिरफ्तार कर पूछताछ करने पर उसने जंगली सुअर का शिकार करना स्वीकार किया।
उक्त घटना की रिपोर्ट दर्ज की गई एवं संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया। उक्त प्रकरण में विचारण उपरांत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नर्मदापुरम के न्यायालय द्वारा आरोपी संतोषनाथ एवं राजूनाथ को धारा वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 51 अथवा 51 सहपठित धारा-34 में 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10,000-10,000 रुपए अर्थदंड से दंडित किया। प्रकरण में शासन की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अरूण कुमार पठारिया (Arun Kumar Patharia) जिला-नर्मदापुरम द्वारा सशक्त पैरवी की गई।