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Sabudana Ki Khichdi : जानिए क्‍यों खाया जाता है उपवास में साबूदाना

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साबूदाना की खिचड़ी (Sabudana Ki Khichdi)

Sabudana Ki Khichdi : हिन्‍दू धर्म में पूरे वर्ष भर देवी-देवताओं के लिए उपवास रखे जाते है। और साबूदाना का उपयोग फलाहार के रूप में इसकी खिचड़ी, खीर जैसे व्‍यंजन बनाकर खाए जाते हैं। साबूदाने स्‍वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी काफी  फायदेमंद होते है।

बाजार में तीन प्रकार के साबूदाना मिलते है, छोटा साबूदाना, मीडियम साइज साबूदाना और बड़ा साबूदाना। साबूदाने का सेवन उपवास में इसलिए किया जाता है क्‍योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, आयरन और विटामिन पाया जाता है जो शरीर को पूरा दिन ऊर्जा दे सकता है।

साथ ही यह पेट को ज्यादा समय तक भरा रखता है जिससे जल्दी भूख नहीं लगती है। इसके अलावा साबूदाने में फाइबर की काफी मात्रा होती है। ये पेट के लिए काफी फायदेमंद होता है।

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Sabudana Ki Khichdi के फायदे

  • साबूदाना पेट को ठंडा रखता है इसलिए इसे व्रत में Sabudana Ki Khichdi खाना अच्‍छा होता है।
  • साबूदाना खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है। इसके साथ ही ये पेट में नमी और हाइड्रेश बढ़ाने में मदद करता है।
  • साबूदाने में कार्बोहाइड्रेट मौजूद होता है जो आपको शरीर को तुरंत एनर्जी देने में मदद करता है। और दिन भर कमजोरी महसूस नहीं होने देता।  
  • साबुदाने एसिडिटी और बदहजमी को रोकता है। साथ ही इसका फाइबर कब्ज की समस्या से भी बचाव करता है।

साबूदाना कैसे बनता है ?

साबूदाना किसी पेड़ पर नहीं उगता है बल्कि इसे सागोपाम नामक पेड़ की जड़ों और तनों को इकट्ठा कर, उसके गूदे से साबूदाना बनाया जाता है। पहले सागोपाम पेड़ सिर्फ अमेरिका में ही पाए जाते थे, लेकिन अब दक्षिण भारत के केरल, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में इन पेड़ों की खेती की जाती है। दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य में साबूदाना बनाने की फैक्ट्र‍ियां भी हैं।

साबूदाना बनाने के लिए सबसे पहले पामसागो के तने के बीच से टैपिओका रूट को निकाला जाता है, जिसे कसावा भी कहा जाता है। कसावा दिखने में शकरकंद जैसा होता है। इसके बाद कसावा को बड़े-बड़े बर्तनों में रखा जाता है और उसमें रोजाना पानी डाला जाता है।

इसी प्रक्रिया को लंबे काफी समय तक दोहराया जाता है, फिर इसके गूदे को मशीनों में डालकर अलग-अलग आकार का साबूदाना तैयार किया जाता है। मशीन से निकलने के बाद उसे सुखाया जाता है। सूखने के बाद इसमें ग्लूकोज और स्टार्च से बने पाउडर की पॉलिश की जाती है।

जिससे साबूदाने में चमक आ जाती है और ये सफेद चमचमाती गोल-गोल गोलियों की तरह दिखने लगता है। इसके बाद इसे बाजार में लाया जाता है।

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साबूदाने की खिचड़ी बनाने की विधि ? (Sabudana Ki Khichdi)

  • साबूदाना की खिचड़ी (Sabudana Ki Khichdi) बनाने के लिए सबसे पहले साबूदाना को 2 से 3 बार अच्छी तरह धोना चाहिए।
  • धोने के बाद साबूदाना को 4 से 5 घंटे के लिए एक बर्तन में भिंगो कर रख दें।
  • इसके बाद आलू, टमाटर, हरी मिर्च, धनिया को काट लें।
  • इसके बाद मूंगफली के दाने को कम आच में भुन लें।
  • इसके बाद भिगोए हुए साबूदाने को पानी से अलग कर लें।
  • इसके बाद एक बर्तन में घी या तेल डाल कर गरम होने देंगे। और जीरा, करी पत्ते डालें कर तड़का दे।
  • इसके बाद हरी मिर्च, टमाटर डाल दें।
  • इसके बाद नमक, काली मिर्च, हल्दी पाउडर डाल दें और लाल होने तक प्रतिक्षा करें।
  • इसके बाद मूंगफली के दाने और आलू डाल दें। और थोड़ी देर बाद साबूदाने डाल देंं और थोड़ी देर तक कम आच में रहने दें।
  • अंत में धनिया डालकर अच्छी तरह मिक्स कर के 2 मिनट के लिए ढक दें।
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