सरकारी फर्ज और मानव सेवा की नायाब मिसाल अतिरिक्त तहसीलदार

Post by: Manju Thakur

इटारसी। कोरोनाकाल में जहां कई जगह अमानवीय चेहरे दिखे तो कई जगह मानव सेवा के साथ ममता के दर्शन भी हुए। प्रशासकीय सेवा में रहकर जो तस्वीर बनती है, वह ज्यादातर अच्छी नहीं देखी जाती। लेकिन, कुछ विरले लोग होते हैं, जिनकी सेवा के आगे समाज को नमन करना ही पड़ता है। ऐसे ही विरले अधिकारियों में अतिरिक्त तहसीलदार निधि लोधी (पटेल) (Additional Tehsildar Nidhi Lodhi (Patel))के नाम को शुमार किया जा सकता है।
अतिरिक्त तहसीलदार निधि लोधी कोरोना क‌र्फ्यू में ड्यूटी के साथ समाज सेवा में भी जुटी हैं। वे गरीबों को राशन किट व दवाइयां देने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को जागरुक कर रही हैं। भूख से बेहाल लोगों की मदद के लिए अतिरिक्त तहसीलदार निधि लोधी ड्यूटी के साथ मदद भी कर रही हैं। अब तक वे स्वयं के व्यय पर 100 से ज्यादा राशन किट वितरित कर चुकी हैं। साथ ही जिनके पास दवाइयां नहीं हैं, या दवाई खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं, ऐसे लोगो को दवाइयां पहुंचाने का काम भी कर रही हैं। वे जरूरतमंदों की भोजन सेवा भी कर रही हैं।

फर्ज के साथ मानव सेवा भी
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने मानव जीवन को खासा प्रभावित किया है। ऐसे में कई सामाजिक कार्यकर्ता, स्वयंसेवी संस्थाएं लोगों की मदद कर रही हैं तो अधिकारी भी पीछे नहीं हैं। अतिरिक्त तहसीलदार निधि लोधी एक ऐसा नाम है जो ग्रामीण अंचलों में भी लोगों को जागरुक करके ग्रामीणों के सेंपल कराने से लेकर पॉजिटिव आने पर उनको अस्पताल में भर्ती कराने तक की जिम्मेदारी निभा रही हैं।

खुद के पैसे से कराया अंतिम संस्कार
केसला की अतिरिक्त तहसीलदार निधि लोधी ने कोरोना संक्रमण में जान गवाने वाले अतिनिर्धन परिवारों के कुछ मृतकों के अंतिम संस्कार खुद के रुपयों से कराया। साथ ही आदिवासी परिवारों को लगातार जा जाकर उचित उपचार देने के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना खुद के व्यय पर एम्बुलेंस की व्यवस्था करना जैसे जरूरी काम शायद ही कोई अधिकारी इतना सेवाभावी काम कर रहा होगा।

बेखौफ जाती हैं मरीजों से मिलने
कोरोना के परेशान करने वाले समय में होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड संक्रमित मरीजों के पास पहुंचकर उनका हाल जानने, उन्हें क्या इलाज मिल रहा, अगर मरीज स्वस्थ नहीं हो रहा तो उसका इलाज अस्पताल में हो इसका प्रबंध भी वे कराती हैं। बाजार में बिना काम घूम रहे लोगों को घर जाने की समझाइश देते हुए उन्हें कभी भी देखा जा सकता है। ऐसे अधिकारी की मेहनत कोरोना से मुक्त होने में सहायक बन रही है।

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