होशंगाबाद। जिले में मौसम एवं वर्षा की स्थिति को देखते हुये कृषि विज्ञान केंद्र (Krishi Vigyan Kendra) गोविंदनगर के वैज्ञानिकों की सलाह है की जिन किसान भाइयों ने धान की रुपाई 20 से 25 दिन पहले कर दी है वो खरपतवार प्रबंधन हेतु फेनोकसोप्रोप पी. ईथाईल 60 से 70 ग्राम प्रति हेक्टयेर छिड़काव करें और पानी उपलब्धता के आधार पर सिचाई करें। जिन किसान भाइयो ने रोपा देर से डाला है, वें यथाशीघ्र धान की रुपाई करें एवं रुपाई से पूर्व नर्सरी का उपचार एजोटोबेक्टर एवं स्यूडोमोनास की 5 मिली. मात्रा प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर जरुर करें। साथ ही धान में मृदा परिक्षण के आधार पर पोषक तत्व प्रबंधन किया जाए। जिन किसान भाइयों ने अभी तक बुबाई नही की है वो कम अवधी की फसल मूंग की किस्म हम-12, पी.डी.एम. 139, एम.एच 421 किस्मों या उड़द की किस्म प्रताप उड़द -1, आजाद उड़द 1 की बुवाई करें। सोयाबीन खरपतवार प्रबंधन के लिए निदाई गुड़ाई की जाए एवं ईमाजाथाप्यर 100 ग्राम प्रति हेक्टयेर छिड़काव करें। जिन किसान भाइयो ने मक्का की बुबाई की है वह फसल में निदाई गुड़ाई कोल्पा की सहायता से करें।
उधानिकी फसलो में आम, अमरुद, नींबू इत्यादि के पौधे पाली बैग में तैयार करें एवं तैयार गड्ढों में फल के पौधे लगायें एवं सिंचाई करें। इस समय फलों के पौधों में खाद, उर्वरक उनकी उम्र के हिसाब से दें, अमरुद एवं अनार में फल मक्खी की रोकथाम हेतु फ्रूट फ्लाई ट्रेप स्थापित करें। खरीफ सब्जियों जैंसे टमाटर, बेंगन, मिर्च एवं अगेती फूलगोभी की रोपाई करें एवं वर्षा नहीं होने पर हल्की सिचाई करें कद्दुवर्गीय सब्जिओं की बुबाई करें एवं पोषक तत्व प्रबंधन करें।