तिलक सिंदूर मेले के लिए नीलामी इस दिन होगी

तिलक सिंदूर मेले के लिए नीलामी इस दिन होगी

इटारसी। महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के अवसर पर तिलकसिंदूर (Tilaksindoor) में लगने वाले मेले के लिए दुकानों, वाहन स्टैंड के लिए नीलामी प्रक्रिया 22 फरवरी मंगलवार को होगी। आज आदिवासी सेवा समिति तिलक सिंदूर (Tribal Service Committee Tilak Sindoor) की बैठक में समिति की भूमिका पर चर्चा की गई।

समिति के मीडिया प्रभारी विनोद वारीबा (Media Incharge Vinod Wariba) ने बताया कि इस वर्ष मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। यह केसला ब्लाक (Kesla Block) का सबसे बड़ा आदिवासी मेला होता है। कोरोना काल के चलते पिछले वर्ष से यह मेला निरस्त हुआ था।
आदिवासी भगवान भोलेनाथ (Bhagwan Bholenath) को बड़ादेव मानकर शिवलिंग की पूजा अर्चना करते हैं, यह ऐसा एकमात्र शिवलिंग माना जाता है जहां पर सिंदूर चढ़ाया जाता है। यहां आदिवासी एवं ग्रामीण अंचलों के, पहाड़ी क्षेत्र के लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं। जिला नर्मदापुरम(Narmadapuram) , हरदा (Harda), बैतूल (Betul), खंडवा (Khandwa), भोपाल (Bhopal) सहित शहरी एवं ग्रामीण अंचलों से श्रद्धालु यहां पर पहुंचते हैं।
मीडिया प्रभारी विनोद वारीवा ने बताया कि 22 फरवरी को दोपहर 12 बजे एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी (SDM Madan Singh Raghuvanshi) की मौजूदगी में दुकान, वाहन स्टैंड की नीलामी होने की संभावना है। मोटरसाइकिल स्टैंड की अमानत राशि 10000, दुकान बैठकी हेतु, राशि 25000 एवं दान पेटियों हेतु अमानत राशि 5000 प्रस्तावित है। प्रत्येक बोलीदार अपनी अमानत राशि लेकर बैठना होगा। समिति के संरक्षक सुरेंद्र कुमार धुर्वे (Surendra Kumar Dhurve) ने कहा कि मेला को सुचारू रूप से संचालित करने आसपास के युवाओं की एक मजबूत टीम बनाकर व्यवस्था में सुधार लाना होगा।
समिति ने प्रशासन से अपील की है कि गार्डन में मुख्य लाइट लगाने की जरूरत है। प्रत्येक वर्ष मेला खत्म होने के बाद लाइट को निकाल कर ले जाते हैं। यह लाइट हमेशा के लिए लगायी जाए ताकि मंदिर में हमेशा उजाला रहे। इस बार स्टॉप डैम को आधा भरा जाएगा जिससे दुर्घटना की आशंका ना हो, पीडब्ल्यूडी द्वारा प्रत्येक वर्ष कच्चा मार्ग ग्राम अमाड़ा से खटामा एवं मां खेड़ापति मंदिर होते हुए तिलक सिंदूर तक सुधारा जाता है, यह रोड मंदिर से पूजा करके वापस लौटने के लिए होता है। श्रद्धालुओं को मंदिर जाने का रास्ता जमानी से माना, झालपा होते हुए तिलक सिंदूर मंदिर पहुंचता है। उसकी मरम्मत जल्दी होना चाहिए नहीं तो गाड़ी निकलना मुश्किल हो जायेगा।
बैठक में समिति संरक्षक सुरेंद्र कुमार धुर्वे अध्यक्ष, बलदेव तेकाम, सचिव जितेंद्र इवने, उपाध्यक्ष मन्नालाल, सलाहकार जगदीश काकोडिय़ा, विजय सल्लाम, गज्जू सरेआम, राजकुमार उईके, शंकर उईके, कमलेश धुर्वे, बंसीलाल मसकोले, दीपेश उईके, अजय सरेआम, अंकित कुमरे, अशोक धुर्वे, बद्री प्रसाद धुर्वे, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष आशा उईके एवं गायत्री तेकाम, छुट्टनबाई उईके सहित अन्य महिला पुरुष उपस्थित रहे।

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AUTHORRohit

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