इटारसी। दुनिया में हम कुछ लेकर आए भी नहीं और कुछ लेकर जाएंगे भी नहीं, लेकिन हम चाहें तो कुछ दे कर अवश्य जा सकते हैं। जीवित अवस्था में होशपूर्वक हमारे हाथ में है, जो कर सकते हैं। उन सत्कर्मों को भजन, नाम जप, सेवा दान, धर्म, ध्यान, सहयोग कल पर मत टालिए।
उक्त उद्गार संत भक्त पं. भगवती प्रसाद तिवारी ने भागवत कथा के चतुर्थ दिवस में व्यक्त किए। कथा को विस्तार देते हुए संत भक्त श्री तिवारी ने कहा कि कल किसने देखा है जो अच्छे काम हम से हो सकते हैं, कर डालो, नहीं तो बाद में पछताना पड़ेगा, बहुत लोग पछता रहे हैं। अच्छा भला करने का अवसर मिले तो निष्काम भाव से कर डालो। हमें मौका मिल रहा है, कहीं धोखा न हो जाए, बाद में पछताना पड़े। परमात्मा बड़े दयालु हैं, सभी को अपने अपने सामथ्र्य के अनुसार दूसरों का भला करने का मौका देते हैं। समझदार मनुष्य मौके का फायदा उठाते हैं। मूर्ख, कम बुद्धि वाले लोग सेवा, सहयोग, सत्संग, सत्कर्म से चूक जाते हैं। कुछ नादान नासमझ लोग कहते हैं, सब दु:ख, चिंता, परेशानी, से छुटकारा मिल जाए फिर बाद में भजन, सत्संग, सेवा करेंगे ये बात झूठी है।
भजन ,सुमरण, सत्संग से ही,सभी दु:ख, चिंता, से छुटकारा मिलता है क्योंकि भगवान जी हमारे साथ हो जाते हैं तो हम जल्दी सुखी,मन प्रसन्न,शांत हो जाते हैं,यह बात सही है। भजन , भक्ति सत्कर्मों से दु:ख का प्रभाव हम पर नहीं होगा।जब भी अकेले रहो तो परमात्मा से मन की बात किया करो और जब किसी के साथ हो तो परमात्मा की बात किया करो। प्रात:काल कथा स्थल पर योगकक्षा 6 स 7 बजे तक लगाई जाती है। आज श्रीमद्भागवत कथा में गज ग्राह, समुद्र मंथन, वामनावतार और श्री राम, श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। आज की कथा में स्थानीय विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा, सिवनी मालवा विधायक प्रेम शंकर वर्मा सहित भारी संख्या में भागवत कथा प्रेमी उपस्थित रहे।