राजधानी से : पंकज पटेरिया –
कीर्ति शेष राष्ट्रीय कवि श्री कृष्ण सरल की अमर काव्य पंक्ति “जवानी उठता हुआ तूफान, जवानी जागृत अरमान, जवानी की अपनी शान” पंक्तियों में निहित युवा शक्ति को पहचान कर भारतीय जनता पार्टी ने दो तीन दशक पहले जो युवा पीढ़ी को उत्तराधिकारी बनाने का बीड़ा उठाया था। उसी के बेहतरीन नतीजे हम देख रहे हैं। यह दौर पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय सुंदरलाल पटवा के नेतृत्व में शुरू हुआ था। उसी का परिणाम है कि युवाओं को तवज्जो देने से विभिन्न क्षेत्रों में युवा शक्ति परचम लहरा रही है। सुबे की सियासत में यह खुशनुमा आगाज हुआ था। उन्होंने शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, विजय शाह आदि ऊर्जावान युवाओं को अवसर दिए थे, और आगे बढ़ कर अपना आभा मंडल खुद बनाने का का हौसला दिया था।
आज हम देख रहे हैं कि वही युवा नेतृत्व संघर्ष में तप कर प्रदेश और राष्ट्र के विकास प्रगति के अनुष्ठान में अपनी आहुति समर्पण भाव से दे रहे हैं। संगठन और सत्ता में युवा शक्ति को ज्यादा से ज्यादा नुमाइंदगी देने के लिए भारतीय जनता पार्टी कटिबद्ध है। इसके लिए बाकायदा सभी स्तर पर सीमाएं तय कर युवाओं को सुखद अवसर मुहिया कराए गए। हाल ही में भारतीय जनता पार्टी ने नगर निगम, नगर पंचायत नगर परिषद यहां तक की मंडल स्तर पर भी युवाओ के लिए मार्ग प्रशस्त किया है। ताकि आगे चलकर सियासत के आकाश में यही सितारे चमके और अपना प्रभावी आभामंडल बनाएं। आगे की विधानसभा आदि के चुनाव में भी ऐसी ही कार योजना संभवत तय की जाए। अन्य पार्टियों में भी यह शुरुआत कमोवेश हुई, लेकिन वहां मुक्त ह्रदय और परिवारवाद का मोहपास हावी रहा हालाकि बंधन ढीले तो हो रहे है। मौजूदा स्थिति में विभिन्न चुनावों के लिए जो नामों की सूची जारी हुई है। उसमें युवा वर्ग को ज्यादा तवज्जो दी गई है। हमें बशीर बद्र के इस शेर का मायना इस संदर्भ में समझना चाहिए “हम दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है जिस तरफ चल पड़ेंगे रास्ता बन जाएगा।” नर्मदे हर
पंकज पटेरिया
वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार
ज्योतिष सलाहकार
9340244352 ,9407505651