– रेलवे स्टेशन पर वन-वे एंट्री, कोविड जांच शुरु
– एस्केलेटर से एंट्री पूरी तरह से बंद कर दी है
– सात नंबर प्लेटफार्म तरफ का गेट भी बंद किया
इटारसी। रेलवे स्टेशन (Railway station) पर वन-वे एंट्री कर दी गई है। केवल यहां मुसाफिरखाने से ही होकर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर आया और जाया जा सकता है। एस्केलेटर से आवाजाही पूरी तरह से रोक दी है। पिछले दिनों कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला मुख्यालय में हुई बैठक के बाद कल एसडीएम ने भी क्राइसिस कमेटी की बैठक ली थी जिसमें विधायक डॉ.शर्मा (MLA Dr.Sharma) की मौजूदगी में लिये निर्णयों में यह भी शामिल था।
प्लेटफार्म से फुट ओवरब्रिज होकर एस्केलेटर के जरिये जीआरपी थाने तरफ उतरने वाला प्रवेश और निर्गमद्वार बंद कर दिया है। यहां से आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। अब केवल यात्री प्रतीक्षालय से होकर प्लेटफार्म पर आना और यहीं से बाहर आना होगा। मुसाफिरों को यहां कोविड-19 टेस्ट कराने के बाद ही जाने दिया जा रहा है। हालांकि यहां फिलहाल शाम 5 बजे तक ही सेंपल लेने का काम किया जा रहा है।
ये किया है प्रबंधन ने
स्टेशन प्रबंधन ने एस्केलेटर और दक्षिणी द्वार से आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया है। केवल प्लेटफार्म एक की लिफ्ट बुजुर्ग और बीमार यात्रियों के लिए चालू रखी गयी है। जीआरपी थाने के पास बैरीकेडिंग करके वहां से भी आवागमन रोक दिया है, ताकि वहां वाहन पार्क करके कोई स्टेशन परिसर में प्रवेश न करे।
24 घंटे स्क्रीनिंग जरूरी
रेलवे स्टेशन पर चौबीस घंटे की स्क्रीनिंग के लिए क्राइसिस कमेटी (Crisis Committee) की बैठक में तय किया गया था। लेकिन, यहां केवल 8 घंटे ही कोविड जांच चल रही है। केवल यहां आने वाले यात्रियों की जांच की जा रही है, वह भी उन यात्रियों की जांच पर जोर दिया जा रहा है जो कोविड प्रभावित राज्यों या शहरों से आ रहे हैं।
कुली-वेंडर्स की जांच नहीं
रेलवे स्टेशन पर कुलियों और वेंडर्स की जांच करना अभी संभव नहीं लग रहा है। वे कई बार रेलवे स्टेशन के भीतर आनाजाना कर रहे हैं, जबकि इस पर भी रोक लगायी जानी चाहिए। कुलियों का तो फिर भी ठीक है, वेंडर्स को तो एक बार प्रवेश करने के बाद ड्यूटी खत्म होने पर ही प्लेटफार्म बाहर आना चाहिए।
यह बदलाव होगा आगे
स्टेशन प्रबंधन का कहना है कि कोविड की जांच के लिए चौबीस घंटे ड्यूटी लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा है। बार-बार भीतर-बाहर होने वाले वेंडर्स और कुलियों की पहचान के लिए एक टीसी स्टाफ, आरपीएफ जवानों की ड्यूटी लगायी जा रही है, जो इन लोगों पर अंकुश लगाने का काम करेंगे।