- इटारसी व्यापार महा संगठन ने दिया विधायक को ज्ञापन
- पुराने बस स्टैंड पर दो से पांच मिनट का स्टापेज की मांग
- पहले दिन ही नये बस स्टैंड पर नहीं रुकी ज्यादातर बसें
- अधिकांश बसों और टैक्सियों ने भरी ओवरब्रिज से सवारी
इटारसी। बस स्टैंड को सख्ती से नये बस स्टैंड में शिफ्ट करने का प्रशासन का एक तरफा निर्णय नागरिकों, व्यापारियों, स्टुडेंट और कर्मचारियों को रास नहीं आ रहा है। खुद बस संचालकों ने नये बस स्टैंड के जगह ओवरब्रिज से ज्यादातर सवारियां भरीं। नये बस स्टैंड का हालांकि विरोध नहीं हो रहा है, किन्तु व्यवस्था में थोड़ा संशोधन करके पुराने बस स्टैंड पर भी दो से पांच मिनट का स्टॉपेज की मांग की जा रही है। हम्मालों ने तो सामान चढ़ाने-उतारने के लिए दस मिनट तक का स्टॉपेज देने की मांग की है।
आज ग्रामीण अंचलों से आने वाले सबसे अधिक परेशान रहे। इटारसी शहर के आसपास केसला, सुखतवा, सनखेड़ा, रामपुर-गुर्रा, डोलरिया और कई गांवों से बसों के माध्यम से अनेक स्टुडेंट इटारसी स्कूल, कॉलेज, आईटीआई तथा कोचिंग संस्थानों में पढऩे आते हैं। इसके अलावा मजदूर वर्ग, प्रायवेट कर्मचारी, दुकानों के कर्मचारी भी रोजगार के लिए यहां आते हैं। इनके लिए एकमात्र साधन बसें ही हैं जो सस्ती और सुलभ होती है। लेकिन, अब तवा कालोनी के आगे ट्रैक्टर स्कीम की भूमि पर बस स्टैंड बनने से मुख्य बाजार से उसकी दूरी करीब चार किलोमीटर हो गयी है। ऐसे में स्टुडेंट को शहर में आने के लिए आटो रिक्शा का सहारा लेना होगा जो उनकी जेब पर भारी पडऩे वाला है।
व्यापारियों ने दिया ज्ञापन
इटारसी व्यापार महासंगठन ने विधायक डॉ. सीतासरन को एक ज्ञापन देकर नयी व्यवस्था में आंशिक बदलाव की मांग की है। व्यापारिक संगठन का कहना है कि नये बस स्टैंड पर कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन, व्यापार, स्टुडेंट, कर्मचारी हित में पुराने बस स्टैंड को बस स्टॉपेज बनाये रखना चाहिए जहां दो से पांच मिनट के लिए बसें खड़ी की जाएं, ताकि लोगों की जेब पर यह भारी न पड़े। संगठन ने पांच मिनट स्टॉपेज की मांग की है।
आटो वाले नहीं माने
जब व्यवस्था में बदलाव किया तो एसडीएम टी प्रतीक राव ने आटो चालकों से 10 रुपए सवारी तय किया था। आज कुछ लोगों को कहना है कि आटो चालकों ने 50-50 रुपए की मांग की है। ऐसे में आमजन के जेब पर अतिरिक्त भार आयेगा। ऐसी व्यवस्था होना चाहिए, यहां 5 मिनट का स्टॉपेज हो तो ग्रामीण अंचलों से आने वालों की जेब पर अतिरिक्त भार न पड़े। लेकिन अनेक लोगों ने बताया कि इस रेट पर नहीं माने, आटो चालक।
गांव से आते हैं अनेक लोग
यह गांवों से आकर यहां किराना, कपड़ों की दुकानों, दवा की दुकानों पर काम करने वाले छोटे कर्मचारियों, गांव से स्कूल, कालेज, कोचिंग आने वाले स्टुडेंट को आर्थिक भार से बचाएगा, साथ ही जहां बस स्टैंड था, वहां के दुकानदारों की रोजी-रोटी भी बचाएगा। क्योंकि बस स्टंैड वहां जाने से इनकी दुकानें बंद हो जाएंगी, इनके परिवार का पालन-पोषण कैसे होगा इसकी चिंता इनको सताने लगी है। यहां के हम्मालों को भी पेट पालने की चिंता सताने लगी है।
युवा कांग्रेस ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
पुराने बस स्टैंड को पुरानी इटारसी में नवीन जगह स्थानांतरित करने से आमजनों के साथ ही छात्रों को परिवहन में काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। युवा कांग्रेस ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर यह मांग की है कि नवीन बस स्टैंड निर्माण निश्चित ही आमजन के सुविधाजनक है, इससे पुरानी इटारसी क्षेत्र में विकास होगा, इसका हम स्वागत करते हैं। परन्तु बस स्टैंड की दूरी ज्यादा होने से इटारसी रहवासी क्षेत्र के नागरिकों सहित छात्रों को जो परेशानी आएगी उसको ध्यान में रखते हुए 5 मिनट बस स्टॉप पुराने बस स्टैंड पर किया जाए। एसडीएम ने जल्द ही निर्णय लेने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर नगर कांग्रेस अध्यक्ष मयूर जायसवाल, युवा कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष गोल्डी बैस, नगर अध्यक्ष सौम्य दुबे, संतोष गुरयानी, नीलेश मालोनिया, प्रतीक मालवीय, गौरव चौधरी, सजल जायसवाल, प्रणीत मिश्रा, उत्सव दुबे, राहुल दुबे, देवी मालवीय, मयंक चौरे, संजय जैन, आनंद पटेल, समीर परते, गोपाल नामदेव, हर्ष नामदेव, आकाश चौधरी, युवराज चौधरी, पप्पी कालोसिया सहित अन्य मौजूद थे।
इनका कहना है…
यह संपूर्ण शहर के साथ आसपास के ग्रामीणों की भी समस्या है। हम केवल स्टॉपेज की मांग कर रहे हैं। बस स्टैंड की जो व्यवस्था तय की है, वही रहे, यहां केवल पांच मिनट बसें रुकें, इसके लिए विधायक को ज्ञापन दिया है।
मुकेश जैन, अध्यक्ष इटारसी व्यापार महासंगठन
हमारी मांग है कि लोकल बसें यहां 5 मिनट रुकें। सवारी उतारकर चली जाएं, जबकि लंबी दूरी की बसें सीधे नये बस स्टैंड जाएं, ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए।
कर्मवीर गांधी, वरिष्ठ व्यापारी
नयी व्यवस्था से छात्र, कर्मचारी, व्यापारी सहित हर वर्ग को परेशानी हो रही है। हम नयी व्यवस्था पर आपत्ति नहीं कर रहे हैं। लेकिन, यहां स्टॉपेज करके ग्रामीण जनता को राहत देना चाहिए।
कैलाश नवलानी, व्यापारी
बस स्टैंड चले जाने से हमारे व्यापार पर खासा असर पड़ेगा, यदि स्टॉपेज भी होता है तो कुछ राहत तो मिलेगी। लोगों ने आज पूछताछ की, सबको वहां का पता बताकर परेशान हो गये हैं।
योगेश कुमार, दुकानदार
बसों पर सामान चढ़ाने-उतारने में दस मिनट का वक्त लगता है। हमारी तो यही मांग है कि हमारे रोजगार को देखते हुए यहां बसों का कम से कम दस मिनट का स्टॉपेज तो होना ही चाहिए।
राजकुमार, हम्माल