गज़ल: शहर में हर तरफ़ एक ही अफसाना है

Post by: Poonam Soni

शहर में हर तरफ़ एक ही अफसाना है।
महफ़िल में न कोई हम जैसा परवाना है।।

खंजर तो यूं ही बदनाम है दुनियां में ,
हमारा कातिल तो यूं तेरा शरमाना है।

जब से खोए हैं हम इश्क के खुमार में ,
दिल का हर एहसास अब मस्ताना है।

न कोई रंज न ही शिकवा ज़माने से जो ,
कहता है हमें कि ये तो इक ’दीवाना’ है।

Aditi tandan

अदिति कपूर टंडन
आगरा 

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