गुप्त नवरात्रि में जीएसटी से होगा लाभ

गुप्त नवरात्रि में जीएसटी से होगा लाभ

इटारसी। आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकम, 30 जून से गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ होगा। इस दौरान त्र-गुप्त, स्-साधना, ञ्ज-तप करना लाभ देगा।
मां चामुंडा दरबार भोपाल (Maa Chamunda Darbar Bhopal) के पुजारी गुरूजी पंडित रामजीवन दुबे ने बताया कि साल में 4 नवरात्र होते हैं। इनमें चैत्र और अश्विन महीने में प्रकट नवरात्रि होती है, वहीं, माघ और आषाढ़ महीने में आने वाली नवरात्र को गुप्त माना जाता है। आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकम गुरूवार 30 जून से गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ होगा, जिसका समापन महानंदा शुक्रवार 8 जुलाई को होगा।
हिंदू धर्म में गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। गुप्त नवरात्रि तंत्र-मंत्र को सिद्ध करने वाली मानी गई है। कहा जाता है कि गुप्त नवरात्रि में की जाने वाली पूजा से कई कष्टों से मुक्ति मिलती है। माना जाता है कि गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक महाविद्याओं को भी सिद्ध करने के लिए मां दुर्गा की उपासना करते हैं।

जुलाई माह में शादियों की तिथि

जुलाई में शादियों की तारीख 2, 3, 5, 6, 8 अबूझ महुर्त के बाद चार माह शादी बंद रहेंगी। रवि योग 6 दिन जुलाई 1, 2, 3, 4, 5, 8 में रहेगा सर्वार्थ सिद्धि योग 2 दिन 30 जून, 6 जुलाई को रहेगा। पुष्य नक्षत्र 30 जून से 1 जुलाई दो दिन रहेगा। त्रिपुष्कर योग 5 जुलाई रहेगा। अमृत सिद्धी योग 30 जून रहेगा। नवरात्रि में योगों का महासंयोग बना है। दिल खोलकर क्रय-विक्रय, मंगलिक कार्य, शादी विवाह होंगे। वर्षा के साथ बाजारों में धन वर्षा होगी। नगर निगम, नगर पालिका के उ मीदवार मां की भक्ति में लीन होंगे।

गुप्त नवरात्रि में घट स्थापना शुभ मुहूर्त

नवरात्रि शुरू 30 जून 2022 दिन गुरूवार कलश स्थापना मुहूर्त- चौघडिय़ा अनुसार सुबह 06 बजे से 07: 30 शुभ। सुबह 10: 30 से 12:00 चर, दोपहर तक 12:00 से 1:30 लाभ, दिन 1: 30 से 3:00 अमृत, 4: 30 से 6:00 बजे शुभ, शाम 6:00 से 7: 30 अमृत, रात्रि 7:30 से 9:00 बजे चर। स्थिर लग्न सुबह 8: 47 से 10: 59 तक सिंह लग्न, अभिजीत महुर्त अमृत योग में, 11: 57 से 12: 50 तक सर्व श्रेष्ठ महुर्त, दिन में 3: 25 से 5: 41 वृश्चिक लग्न, रात्रि 9: 34 से 11: 7 तक कुंभ लग्न उपरोक्त समय में घट स्थापना के साथ पूजा का शुभारंभ करें।

मां दुर्गा के इन स्वरूपों की होती है पूजा

मां कालिका, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता चित्रमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूम्रवती, माता बगलामुखी, मातंगी, कमला देवी।

प्रयोग में आने वाली सामग्री

मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र, सिंदूर, केसर, कपूर, जौ, धूप,वस्त्र, दर्पण, कंघी, कंगन-चूड़ी, सुगंधित तेल, बंदनवार आम के पत्तों का, लाल पुष्प, दूर्वा, मेंहदी, बिंदी, सुपारी साबुत, हल्दी की गांठ और पिसी हुई हल्दी, पटरा, आसन, चौकी, रोली, मौली, पुष्पहार, बेलपत्र, कमलगट्टा, जौ, बंदनवार, दीपक, दीपबत्ती, नैवेद्य, मधु, शक्कर, पंचमेवा, जायफल, जावित्री, नारियल, आसन, रेत, मिट्टी, पान, लौंग, इलायची, कलश मिट्टी या पीतल का, हवन सामग्री, पूजन के लिए थाली, श्वेत वस्त्र, दूध, दही, ऋतुफल, सरसों सफेद और पीली, गंगाजल आदि।

पूजा किस तारीख दिन योग में रहेगी

शैलपुत्री (Shailputri): जून 30 गुरूवार सर्वार्थ सिद्धी, अमृत सिद्धि, धुव्र व्याघात योग के साथ पुष्य नक्षत्र का महासंयोग बना है। चंद्र दर्शन के साथ देव गुरू बृहस्पती का दिन रहेगा।
ब्रह्मचारिणी (brahmCharini): 1 जुलाई शुक्रवार रवि योग के साथ पुष्य नक्षत्र में भगवान जगन्नाथ की रथा यात्रा निकाली जावेगी।
चंद्रघंटा (Chandraghna): 2 जुलाई शनिवार रवि योग में पूजा होगी। शादीयां भी रहेंगी।
कूष्माण्डा (Kushmada): 3 जुलाई रविवार को रवि योग के साथ गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) व्रत के साथ पूजा होगी। रात्री में शादियां होंगींं।
स्कंदमाता (Skandabrahmata): 4 जुलाई सोमवार रवि योग में पूजा होगी।
कात्यानी (Katyani): 5 जुलाई मंगलवार रवि योग के साथ पुष्कर योग। पूजा एवं शादियां होगी।
कालरात्रि (Kalratri,): 6 जुलाई बुधवार सर्वार्थ सिद्धी योग में पूजा की जावेगी।
महागौरी (Mahagauri): 7 जुलाई गुरूवार देव गुरू बृहस्पती का दिन रहेगा।
सिद्धिदात्री (Siddhidatri,): 8 जुलाई शुक्रवार रवि योग में पूजा-पाठ हवन आरती प्रसाद वितरण के साथ कन्या भोजन कराके गुप्त नवरात्रि का समापन होगा। तांत्रिक साधना के लिए विशेष गुप्त नवरात्रि मानी गई है। शादी का अबूझ मुहूर्त होने के कारण सैकड़ों शादियां होंगी, इसके बाद चार महीने शादियां बंद रहेंगी।

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AUTHORRohit

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