गुप्त नवरात्रि 2023 (Gupt Navratri 2023)
गुप्त नवरात्रि 2023 : हिन्दू धर्म में नवरात्रि पर्व का बेहद ही खास महत्व होता हैंं। प्रकट नवरात्रों में 9 देवियों की पूजा होती हैं। गुप्त नवरात्रों में 10 देवियों की पूजा की जाती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुप्त नवरात्रि मुख्य रूप से साधुओं, तांत्रिकों द्वारा माँ दुर्गा को प्रसन्न और तंत्र साधना करने के लिए मनायी जाती हैं।
गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा को गुप्त रखना चाहिए। ऐसा करने से मां दुर्गा पूजा का दोगुना फल देती हैं। इसके साथ ही ज्योतिष शास्त्र में गुप्त नवरात्रि के दौरान कुछ व्रत नियमों का भी वर्णन किया गया हैं जिनका पालन करना अनिवार्य होता हैं। गुप्त नवरात्रि को सिद्धि प्राप्ति के लिए शुभ समय माना जाता हैं। इसलिए इस नवरात्रि को साधुओं और तांत्रिकों की नवरात्रि कहा जाता हैं।
गुप्त नवरात्रि 2023 शुभ मुहूर्त (Gupt Navratri Auspicious Time)
- गुप्त नवरात्रि प्रांरभ : 22 जनवरी 2023, दिन रविवार
- गुप्त नवरात्रि समाप्त : 30 जनवरी 2023, दिन सोमवार
- घटस्थापना कलश स्थापना मुहूर्त : सुबह 08:34 से 09: 59 तक
- घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 12:13 से 12:58 तक
गुप्त नवरात्रि 2023 महत्व (Gupt Navratri Significance)
गुप्त नवरात्रि को साधना की नवरात्रि माना जाता हैं। गुप्त नवरात्रि संतो और साधुओं के लिए बहुत खास हैं। गुप्त नवरात्रि में विशेष पूजा के कई प्रकार के दुखों से मुक्ति पाई जा सकती हैं। इस नवरात्रि में अघोरी, तंत्रिक लोग गुप्त नवरात्रि में महाविघाओं को सिद् करने के लिए उपासना करते हैं।
यह नवरात्रि मोक्ष की कामना के लिए भी की जाती हैं। गुप्त रूप से की गयी साधना बहुत फलकारी होती हैं। इसमे आपको किसी मंदिर जाने की आवश्यकता नहीं हैं। गुप्त नवरात्रि में नियमो का पालन करते हुए आप मंत्र साधना घर पर रह कर सकते हैं। यह समय गुप्त एवं चमत्कारिक शक्तिया प्राप्त करने के लिए सबसे अच्छा माना गया हैं।
गुप्त नवरात्रि 2023 रहस्य (Gupt Navratri Secrets)
गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की ‘दिव्य शक्तियों के रूप में पूजा की जाती हैं। यह पूजा-उपासना एकांत स्थलों विशेषकर नदी तटों पर गुप्त तरीके से की जाती हैं। पूजा का आयोजन साधु-संन्यासियों, तांत्रिकों एवं अघोरियों द्वारा माता दुर्गा को प्रसन्न करके तंत्र साधना के साथ गुप्त अनुष्ठान, हवन एवं यज्ञ इत्यादि किए जाते हैं।
यह पूजा तंत्र-मंत्र से सिद्धी हासिल करने के लिए होती हैं। इसलिए इसकी पूजा-अनुष्ठान आम लोगों से दूर एकांत में किया जाता हैं। क्योंकि गोपनीय तरीके से की गयी पूजा के पश्चात ही सिद्धियां हासिल होती हैं। इसीलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता हैं। ऐसा माना जाता हैं कि भगवान श्री राम ने अपनी खोयी हुयी शक्तियों को पाने के लिए गुप्त नवरात्रि में ही पूजा की थी।
पौष पुत्रदा एकादशी व्रत 2023 : जाने तिथि, शुभ मुहूर्त और विशेष पूजन विधि
गुप्त नवरात्रि के दौरान मां भगवती के इन दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है।
- मां काली
- मां तारा
- मां षोडशी त्रिपुर सुंदरी
- मां भुवनेश्वरी
- मां छिन्नमस्ता
- मां भैरवी
- मां धूमावती
- मां बगला
- मां मातंगी
- मां कमला
गुप्त नवरात्रि 2023 व्रत कथा (Gupt Navratri Vrat Katha)
हिंदू धर्म की पौराणिक कथा के अनुसार एक समय ऋषि श्रृंगी भक्तजनों को दर्शन दे रहे थे। तभी अचानक भीड़ से एक स्त्री निकलकर आई और ऋषि श्रृंगी से बोली कि मेरे पति दुखो से सदा घिरे रहते हैं। जिस कारण मैं कोई पूजा-पाठ नहीं कर पाती यहां तक कि ऋषियों को उनके हिस्से का अन्न भी समर्पित नहीं कर पाती मेरा पति मांसाहारी, जुआरी हैं।
लेकिन मैं मां दुर्गा की सेवा करना चाहती हूँ उनकी भक्ति-साधना से अपने और परिवार के जीवन को सफल बनाना चाहती हूँ। ऋषि श्रृंगी महिला के भक्तिभाव से बहुत प्रभावित हुए ऋषि ने उस स्त्री को आदरपूर्वक उपाय बताते हुए कहा कि वास्तविक शारदीय नवरात्रों से तो आम जनमानस परिचित हैं लेकिन इसके अतिरिक्त 2 नवरात्रि और भी होते हैं। जिन्हें ‘गुप्त नवरात्रि’ कहा जाता हैं।
इन नवरात्रों की प्रमुख देवी स्वरूप का नाम सर्वैश्वर्यकारिणी देवी हैं। यदि इन गुप्त नवरात्रि में कोई भी भक्त माता दुर्गा की पूजा-साधना करता हैं। तो मां उसके जीवन को सफल कर देती हैं। ऋषि ने आगे कहा कि लोभी, कामी, व्यसनी, मांसाहारी अथवा पूजा-पाठ न करने वाला भी यदि गुप्त नवरात्रों में माता की पूजा करता हैं।
तो उसके जीवन में कुछ और करने की आवश्यकता नहीं रहती उस स्त्री ने ऋषि के वचनों पर पूर्ण श्रद्धा करते हुए गुप्त नवरात्रि की पूजा की उस पर मां प्रसन्न हुईं और उस स्त्री के जीवन में परिवर्तन आने लगा उसके घर में सुख-शांति आ गई पति जो गलत रास्ते पर था वह सही मार्ग पर आ गया।
गुप्त नवरात्रि 2023 विशेष पूजन विधि (Gupt navratri special worship method)
- गुप्त नवरात्रि में प्रकट नवरात्रि की तरह गेहूं के जवारे नहीं बोए जाते हैं और न ही घट स्थापना होती हैं। हालांकि कुछ तांत्रिक लोग ये प्रकट नवरात्रि की तरह ही सारे पूजन कर्म गुप्त नवरात्रि में भी करते हैं। गृहस्थों के लिए गुप्त नवरात्रि में व्रत, पूजन, जाप, देवी पाठ का महत्व हैं।
- इस नवरात्रि के पूरे दस दिन शुद्ध आचरण, शुद्ध आहार रखना आवश्यक होता हैं। व्रती को नित्य प्रतिदिन देवी का पूजन करके दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा, देवी महापुराण आदि का पाठ करना चाहिए।
गुप्त नवरात्रि के दौरान इन बातों का विशेष ध्यान रखें
- गुप्त नवरात्रि के दौरान मांस-मदिरा, लहसुन और प्याज का बिल्कुल सेवन नहीं करना चाहिए।
- मां दुर्गा स्वयं एक नारी हैं इसलिए नारी का सदैव सम्मान करना चाहिए। जो नारी का सम्मान करते हैं मां दुर्गा उन पर अपनी कृपा बरसाती हैं।
- नवरात्रि के दिनों में घर में कलेश, द्वेष या अपमान नहीं करना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से घर में बरकत नहीं होती हैं।
- नवरात्रि में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। नौ दिनों तक सूर्योंदय से साथ ही स्नान कर साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।
- नवरात्रि के दौरान काले रंग के वस्त्र नहीं धारण करने चाहिए और ना ही चमड़े के बेल्ट या जूते पहनने चाहिए।
- मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान बाल, दाढ़ी और नाखून नहीं काटने चाहिए।
- घर पर आए किसी मेहमान या भिखारी का अपमान नहींं करना चाहिए।
गुप्त नवरात्रि 2023 । गुप्त नवरात्रि 2023 । गुप्त नवरात्रि 2023