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ओलावृष्टि और वर्षा ने खेतों में खड़ी फसल बिछायी, भारी नुकसान का अनुमान

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इटारसी। सोमवार की रात और मंगलवार की शाम किसानों पर कुदरत का कहर बरपा है। ओले और बारिश ने खेतों में खड़ी फसलों को बिछा दिया है जिससे किसानों को काफी नुकसान होने की खबर है। सबसे अधिक नुकसान सिवनी मालवा ब्लॉक में बताया जा रहा है। अनेक जगह ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद हो गयी हैं। गेहूं और सरसों को भारी नुकसान होने की खबर है। सोमवार की रात करीब 11 बजे मौसम का मिजाज एकदम से बदला। आसमान पर बादल छाये और बिजली की चमक और बादलों की गरज प्रारंभ हो गयी। लगभग बीस मिनट बाद ही बड़ी बूंदों वाला पानी और ओलावृष्टि प्रारंभ हो गयी। शहर में तो चना और बेर के आकार के ओले गिरे जबकि ग्रामीण अंचलों में कई जगह टमाटर का आकार भी बताया गया है।

इटारसी व डोलरिया तहसील के ग्रामीण क्षेत्र में ओलावृष्टि और बारिश के कारण ग्रामीण क्षेत्र के किसान घबरा गए। इटारसी से आसपास लगे ग्राम भमेड़ी, पिपलिया कलॉ, बी जमानी, नाहरकोला कला, सूरजपुर, बांकाबेड़ी, सोमलवाड़ा, घुमड़देव हिरनखेड़ा, मकोडिय़ा, तीखड़, मोथिया साकेत, सहित अन्य ग्रामीण अंचलों में बारिश और ओलावृष्टि से फसलें खराब हुई हैं। ग्राम मोतिया साकेत के किसान राजेश का कहना है कि बीती रात हुई बारिश और ओलों की वजह से गेहूं की फसल जमींदोज हो गई, इससे फसल नष्ट हो जाएगी। किसानों के बीच पहुंचे तहसीलदार सिवनी मालवा विकासखंड में रात्रि 11 बजे ओले गिरे जिससे गेहूं एवं चने की फसल को काफी नुकसान हुआ है। क्षेत्र के बीस से अधिक गांव में ओले गिरे। ग्राम हिरनखेड़ा, खल इकलानी, भमेडी, केवलाझिर, सोमलवाड़ा, नाहरकोला, बी जमानी, सूरजपुर, बांकाबेड़ी, पिपलिया कला, गागिया, मकोडिया, आमूपुरा, विलतलाई, झाडवीड़ा, खखरापुरा, बटकी, बन्दी आदि ग्रामों में ओले गिरे हैं।

ग्राम खल के कृषक सुनील रघुवंशी ने बताया कि हमारे ग्राम में 15 मिनट तक ओले गिरे जिससे कि घरों के कवेलू फूट गए हैं। ग्राम हिरनखेड़ा के कृषक आशुतोष लुटोरिया ने बताया कि हिरनखेड़ा में 200 से 300 ग्राम तक के ओले गिरे हैं जिससे गेहूं की फसल को अत्यधिक नुकसान हुआ है। तहसीलदार राकेश खजूरिया ने फसलों को देखा तथा संबंधित पटवारियो को आकलन करने के निर्देश दिए हैं।

किसान कर सकते हैं फसल बीमा क्लेम

इस समय कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि के कारण किसानों की गेहूं, चना व अन्य रबी फसल बर्बाद हो गई है, इस ओलावृष्टि से प्रभावित किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत व्यक्तिगत फसल बीमा क्लेम कर सकते हैं। उन्हें इसके लिए अपने जिले के लिए निर्धारित फसल बीमा कंपनी को 72 घंटे के अन्दर फसल नुकसानी की लिखित सूचना देना चहिए। एड्वोकेट दिनेश यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को 2 प्रकार से फसल बीमा राशि दी जाती है। पटवारी हल्का में होने वाली नुकसानी का राजस्व विभाग द्वारा किये जाने वाले सर्वे के आधार पर भी किसान बीमा क्लेम के पात्र होते है, मगर ऐसे किसान जिनकी फसल रबी सत्र में ओलावृष्टि से खराब होती है, वे भले ही पूरे गांव की फसल अच्छी हो, ऐसे किसान बीमा कंपनी को 72 घंटे के अन्दर सूचना देकर व्यक्तिगत फसल बीमा क्लेम कर सकते हैं।

इन किसानों को बीमा कपंनी द्वारा निर्धारित फार्म में बीमा कंपनी को ईमेल द्वारा सूचना देना चाहिए। किसानों को यह सावधानी रखना चाहिए कि सूचना ओलावृष्टि के 72 घंटे के अन्दर देना है, बैंक में जिस फसल का बीमा प्रीमियम काटा गया है, या जिस फसल का बीमा किया गया है, उसी फसल के लिए क्लेम करना चाहिए। यदि गेहूं का बीमा किया है तो अन्य फसल का बीमा नहीं मिलेगा तथा फसल खराब होने का कारण ओलावृष्टि ही लिखना है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत ऐसे किसानों का 7 दिन के अन्दर सर्वे होता है, 15 दिन में बीमा राशि का निर्धारण होकर 21 दिन में बीमा कंपनी द्वारा बीमा क्लेम का भुगतान किसानों को किया जाना अनिवार्य है। साक्ष्य के तौर पर किसान अपनी खराब हुई फसल का फोटो, अखबारों में संबंधित समाचार की कतरन भी रख सकते हैं। किसानों को बीमा प्रीमियम की राशि बैंक खाता नंबर, खसरा नंबर व आधार कार्ड की जानकारी भी आवेदन में देना चाहिए। यह आवेदन बीमा कंपनी के अलावा खाता धारक बैंक, कृषि विभाग अधिकारी व तहसील कार्यालय में देकर पावती अपने पास रखना चाहिए।

सीएम ने की केबिनेट में चर्चा

प्रदेश में हुई ओलावृष्टि और अतिवृष्टि को लेकर आज मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कैबिनेट बैठक में चर्चा की। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने ओलावृष्टि और अतिवृष्टि से नुकसान हुए फसलों का सर्वे करने के लिए सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने स्पष्ट किया है कि कोई भी किसान, ओलावृष्टि और अतिवृष्टि से जो प्रभावित हुआ है, उसका सर्वे गंभीरता के साथ किया जाए। उन्होंने कहा कि फसलों का सर्वे कराकर किसानों को उचित राहत राशि उपलब्ध कराई जाए। सर्वे की मॉनीटरिंग करने के लिए सभी मंत्रीगण, विधायक और सांसदों को भी कहा गया है।

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

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