झरोखा : हे मातृ शक्ति का शत शत वंदन…

Post by: Manju Thakur

Their sorrows and pains are one caste, they are together in happiness also

: पंकज पटेरिया –
मातृशक्ति की उपासना का विशेष पर्व नवरात्र का 15 अक्टूबर से शुभारंभ हो रहा है। इसके पूर्व मध्य प्रदेश की सरकार ने मातृशक्ति के चारु चरण पखार कर 35 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय कर वंदन किया है।
निसंदेह यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और आधी आबादी का सच्चा सम्मान है। अब तक राज्य में 33% आरक्षण मिलता रहा है। सूबे की लोकप्रिय शिवराज सरकार ने दो प्रतिशत ओर बढ़ाकर शक्ति की उपासना सत्र की पूर्व वेला में निष्ठाभाव से सम्मान ही किया है। इसे महज सियासी चश्मे से नहीं देखना चाहिए।
दरअसल अपने मुल्क और बाहर कथित कुछ सियासी दल मातृशक्ति की स्वतंत्रता को लेकर पहनने ओढ़ने के कपड़ों को लेकर आंदोलन कर फखत अपनी राजनीति रोटियां सेकते रहे हैं। जबकि नारी शक्ति की वास्तविक स्वतंत्रता वह होती है, जब वह सामाजिक रूप से मजबूत हो। उसकी आत्मनिर्भरता हो। अब यह बात जग जाहिर है कि शिवराज सिंह चौहान यानी जन जन में पुकारी जाने वाली मामा जी की सरकार में इस दिशा में भागीरथी प्रयास हुए हैं। इसकी एक शानदार मिसाल राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का केंद्र बनी लाडली बहन योजना का जिक्र ही पर्याप्त है।
पहले संसद में आधी आबादी के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम पास हुआ था। मातृशक्ति की सम्मान की इस मणिमाला में एक मणि और जोड़ मप्र सरकार ने अपनी नारी शक्ति के प्रति अपनी शुभ भावना व्यक्त की। इसके लिए सरकार की सराहना की जानी चाहिए।
जाहिर है इससे आधी आबादी मजबूत होगी और आत्म निर्भर होगी। यह बात ओर है कि विपक्षी खेमे में इससे खलबली मचें। लेकिन लोकतंत्र के महाउत्सव में कुछ और नजारे से हम आप रूबरू हो। अपितु हमे तो मातृ शक्ति का वंदन कर यही स्तुति करना चाहिए।
हे देवी सर्वभूतेषु, मातृ रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम।
नर्मदे हर जय भारत।

pankaj pateriya edited

पंकज पटेरिया (Pankaj Pateriya)
वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार
ज्योतिष सलाहकार
9893903003
9340244352

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