झरोखा : शिव मंदिर…जहां रानी लक्ष्मीबाई करती थी पूजा

Post by: Manju Thakur

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Jharokha: Life is burning in DJ and firecrackers

: पंकज पटेरिया –
उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक नगर का प्रसिद्ध झांसी किला, वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के महान बलिदान और स्वाधीनता संग्राम की अद्भुत निशानी है। यद्यपि यह विशाल किला वीर बुंदेला राजा वीर सिंह ने बंगरानाम की पहाड़ी पर 1613 में बनवाया था। लेकिन देह दीप में प्राण की ज्योति बाल स्वाधीनता के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर देने वाली वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की शौर्य लीला के कारण यह लक्ष्मीबाई के किला के रूप में जग प्रसिद्ध है। ऐतिहासिक किले में कई स्थान ऐसे हैं जो उस कल की स्वाधीन संघर्ष अंग्रेजी हुकूमत की अत्याचार और बलिदानी रानी और उनके वीर सैनिकों की कहानी कहती है।
यही एक हिस्से में है शंकरगढ़ नामक इलाका और यहीं पर स्थित है मराठा शासक नारु शंकर द्वारा निर्मित प्राचीन शिव मंदिर। शिव मंदिर मराठा और बुंदेला स्थापत्य शैली के अनूठा निर्माण का एक जीता जाता भव्य नमूना है। अत्यंत सुंदर ग्रेनाइट पत्थर से निर्मित दिव्य शिवलिंग के मंदिर का निर्माण १७वी सदी में हुआ था।

shiv mandir jhansi

प्राचीन शिव मंदिर में विराजे शिवलिंग का विग्रह इतना मनोहरी और सम्मोहनकारी है कि दर्शन करते हुए दृष्टि हटती ही नहीं। बताते हैं शंकरगढ़ स्थित इसी प्राचीन मंदिर में महारानी रानी लक्ष्मीबाई नित्य शिव जी की पूजा करने आती थी। अलस सुबह रोजाना बिना नागा रानी लक्ष्मीबाई यहां आया करती थी और भक्ति भाव से शिवजी की पूजा अर्चना करती थी। आज भी वहां एक पंडितजी नित्य देवाधिदेव भगवान शंकर की पूजा करते हैं।

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पंकज पटेरिया
वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार
ज्योतिष सलाहकार
9340244352

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