इटारसी। प्रथम अपर सत्र न्यायालय इटारसी ने लक्ष्मीबाई राजपूत आयु 45 साल पति पवन सिंह निवासी ग्राम सनखेड़ा की मिट्टी का तेल डालकर आग लगाकर जलाकर हत्या कर देने के तीन आरोपी माता-पिता एवं पुत्र को आजीवन कारावास की सजा एवं एक-एक हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है।
तीनों आरोपी को क्रमश: एक-एक वर्ष के सश्रम कारावास अर्थ दंड अदा नहीं करने पर अलग से भुगतना होगा। अभियोजन की ओर से पैरवी करने वाले अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला ने बताया कि 30 मार्च 2022 को रात में 9:30 बजे लक्ष्मीबाई अपने बच्चों के साथ घर पर खाना खाकर टीवी देख रही थीं। तभी जमीन के विवाद को लेकर रूपा बाई, कमलसिंह मोहन उर्फ राजा एवं एक नाबालिग उसके घर पर आकर सामने खड़े होकर गालियां देने लगे और लक्ष्मी बाई के साथ लाठी डंडे एवं लात मुक्कों से मारपीट करने लगे। तभी अचानक नाबालिग लड़की अंदर गई और मिट्टी के तेल की कुप्पी लायी। राजा एवं रूपाबाई ने उसके हाथ पकड़े और नाबालिग ने लक्ष्मीबाई के शरीर पर तेल डाल दिया।
कमलसिंग ने माचिस से आग लगा दी। चारों कहने लगे कि इसे आज जान से ही खतम कर देते हैं। तेल में आग लगने से लक्ष्मी का पूरा शरीर जल गया था। आग बुझाने में उसके लड़के लड़की और भाई शेरशिंह ने पानी डाला। तब तक आरोपी वहां से भाग गए थे। फिर उसे सरकारी अस्पताल इटारसी लेकर आए तथा पुलिस को सूचना दी गई। कुछ देर बाद तहसीलदार ने उसके मरणासन्न कथन लिए थे। इलाज के दौरान 20 दिनों बाद लक्ष्मी की भोपाल में मौत हो गई थी। आरोपियों के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज किया गया था। चारों आरोपी में से एक लड़की नाबालिग है, इसलिए उसको छोड़कर शेष तीन आरोपी के विरूद्ध इटारसी में विचारण किया है।
तीनों आरोपी को हिरासत में ले कर उन्हें जेल भेज दिया था। तीनों आरोपी कमलसिंह, रूपाबाई, मोहन उर्फ राजा गिरफ्तारी दिनांक 1 अप्रैल 2022 से आज निर्णय दिनांक तक जेल में ही हैं। कोर्ट ने मृतिका के तीनों बच्चों को प्रतिकर की राशि देने का आदेश दिया है। इस गंभीर मामले की संपूर्ण पैरवी एजीपी राजीव शुक्ला ने की है। कमलसिंह राजपूत 53 साल रुपाबई राजपूत 52 साल एवं राजा उर्फ मोहन 25 साल तीनों निवासी ग्राम सनखेड़ा तहसील इटारसी को आज वीसी से दंडादेश सुनाया गया था। वे तीनों सेंट्रल जेल होशंगाबाद में है। उनके सजा वारंट जारी किए गए हैं।
न्यायालय ने तीनों आरोपी को मृतिका के मरणासन्न कथन उसके द्वारा लिखाई गई देहाती नाल्सी एवं तीन बच्चों के आई विटनेस को सत्य मानकर आरोपियों को धारा 302/34 भारतीय दंड विधान के तहत् आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।