शहर की सड़कों पर अब भी मौजूद हैं लम्पी वायरस से ग्रसित पशु

Post by: Rohit Nage

Updated on:

  • विभाग का दावा, बीमारी पर काफी नियंत्रण कर लिया
  • 8 से 9 सौ पशुओं का टीकाकरण करने का किया दावा
  • लम्पी के लक्षण दिखें तो टोल फ्री नं. 1962 पर कॉल कीजिए

इटारसी। पशु चिकित्सा विभाग (Veterinary Department) के आला अफसरों की सुस्त कार्यप्रणाली और लापरवाही के चलते लम्पी वायरस (Lumpy Virus) से ग्रसित पशुओं की संख्या में इजाफा हो रहा है और यह संक्रमण चिंताजनक स्थिति में पहुंचता जा रहा है। पशु चिकित्सा विभाग का दावा है कि लगातार टीकाकरण किया जा रहा है, लेकिन सड़कों और गलियों में लम्पी वायरस से ग्रसित पशु इस दावे को झुठलाते घूम रहे हैं।

विभाग के स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि कम स्टाफ के बावजूद गौसेवकों की मदद से करीब 900 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। बावजूद इसके अभी भी ऐसे पशु सड़कों पर हैं जिनका टीकाकरण नहीं हो सका है। उच्च स्तर से लापरवाही यह है कि कम स्टाफ की वजह से कार्य प्रभावित होने के बावजूद स्टाफ बढ़ाने या अस्थायी तौर पर गौ सेवकों की सेवा लेने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है, जबकि गौसेवा फिलहाल बिना किसी शुल्क के सेवा दे रहे हैं, लेकिन वे कब तक ऐसा कर पाएंगे? सरकार ने भी एहतियात के तौर पर कोई विशेष कदम नहीं उठाए नतीजा यह हुआ यह बीमारी फैलती गई।

विभाग का यह है दावा

विभाग के अधिकारी दावा करते हैं कि वार्डस्तर पर टीम बनाकर वैक्सीनेशन (Vaccination) किया जा रहा है। विभाग का मानना है कि नगर में पशु पालकों के पास एक हजार पशु हैं, इनमें स्ट्रीट (Street) के निराश्रित पशु शामिल नहीं हैं। अब तक विभाग ने करीब 8-9 सौ पशुओं का टीकाकरण कर दिया है, और उनके सींग में निशान भी लगा दिया है। लेकिन, स्ट्रीट पर घूमने वाले ऐसे कई पशु अब भी घूमते देखे जा रहे हैं जिनमें यह बीमारी फैली है और वे इसे दूसरे पशुओं में फैला रहे हैं। विभाग के पास ऐसे निराश्रित पशुओं के टीकाकरण करके लम्पी की रोकथाम की कोई योजना नहीं है।

लंपी वायरस के लक्षण –

  • पशु के शरीर का तापमान 106 डिग्री फारेनहाइट होना
  • पशु को कम भूख लगना
  • पशु के चेहरे, गर्दन, थूथन, पलकों समेत पूरे शरीर में गोल उभरी हुई गांठें
  • पैरों में सूजन, लंगड़ापन, नर पशु में काम करने की क्षमता कम हो जाना

लम्पी होने पर क्या किया जाए

  • यदि किसी पशु में लम्पी वायरस के लक्षण दिखें तो तत्काल टोलफ्री नंबर 1962 पर कॉल कीजिए, कॉल करने पर आपके यहां एम्बुलेंस आएगी और एम्बुलेंस में मौजूद डॉ. रोशन चौधरी द्वारा संक्रमित पशु का उपचार किया जाएगा।
  • यदि किसी पशु में लम्पी वायसर के लक्षण दिखाई देते हैं तो समय से टीकाकरण करायें, संक्रमित पशु को दूसरे अन्य पशुओं से दूर अलग रखें, उनको खुल में छोड़कर अन्य स्ट्रीट पर घूमने वाले मवेशियों को संक्रमण का खतरा न बढ़ाएं।
  • लम्पी वायसर के टीके पर्याप्त हैं, टीकों की कोई कमी नहीं है। समय से पशु चिकित्सा विभाग को सूचना मिलेगी तो टीम आपके यहां आकर संक्रमित पशु का उपचार करेगी। आपको भी इसके लिए अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी, तभी रोकथाम संभव है।

इनका कहना है…

करीब 8 से 9 सौ के बीच पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। यह रोग पिछले माह पीक पर था, अब कंट्रोल में है। जहां से सूचना आ रही है, टीम तत्काल मौके पर पहुंचकर उपचार दे रही है।

डॉ.ज्योति नवड़े, चिकित्सक पशु चिकित्सा विभाग

Leave a Comment

error: Content is protected !!