सत्य और अहिंसा के पुजारी थे महात्मा गांधी: ग्यारसे

Post by: Poonam Soni

पिपरिया। महात्मा गांधी(Mahatma Gandhi) का जन्मदिन हर वर्ष 2 अक्टूबर को अहिंसा दिवस(Ahinsa Divas) के रूप में भी मनाया जाता है। वे सत्य और अहिंसा के पुजारी थे। गांधी जी ने रचनात्मक कार्यक्रमों से सबसे निचले स्तर से राष्ट्र के निर्माण पर अपना ध्यान लगाया। उन्होंने ग्रामीण भारत को शिक्षित करने छुआछूत के खिलाफ आंदोलन जारी रखने कलाई बुनाई और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने और लोगों की आवश्यकताओं के अनुकूल शिक्षा प्रणाली बनाने के काम की शुरुआत की।

उक्त आशय के उद्गार ग्राम पंचायत सांडिया में आयोजित गांधी-शास्त्री जयंती पर ग्राम सभा में विकासखंड नोडल अधिकारी राजेश कुमार ग्यारसे ने व्यक्त किये। श्री ग्यारसे ने कहा कि महात्मा गांधी ने रचनात्मक कार्यक्रमों के माध्यम से सबसे निचले स्तर से राष्ट्र के निर्माण पर अपना ध्यान लगाया। उन्होंने ग्रामीण भारत के विकास को मूर्त रूप देने के लिए मेरे सपनों का भारत का सपना संजोया जिसे मूर्त रूप देने हम सब मिलकर लगे हुए हैं। कार्यक्रम का शुभारंभ पंचायत समन्वय अधिकारी माखनलाल कनौजिया ने गांधी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर ग्राम पंचायत के सचिव केशव पटेल, ग्राम रोजगार सहायक राजकुमार मिश्रा, ग्राम कोटवार रिया, रजनी कहार, हीरा तिवारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, स्वास्थ्य विभाग की आशा कार्यकर्ता, एएनएम सहित ग्रामीण उपस्थित थे।

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