Sports News: टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत के नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास सच दिया था। इसके बाद से लगातार वह सुर्खियों में बने हुए हैं। हाल ही उन्होंने एक इंटरव्यू में टोक्यो ओलंपिक का एक किस्सा शेयर किया था। नीरज ने कहा था कि वह फाइनल में थ्रो करने के लिए तैयार हुए तो उनका जैवलिन नहीं मिला था। इसके बाद उन्होंने देखा कि उनका जैवलिन पाकिस्तान के अरशद नदीम लेकर घूम रहे थे। इसके बाद से सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के थ्रोअर अरशद नदीम को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है।
मेरी आप सभी से विनती है की मेरे comments को अपने गंदे एजेंडा को आगे बढ़ाने का माध्यम न बनाए। Sports हम सबको एकजूट होकर साथ रहना सिखाता हैं और कमेंट करने से पहले खेल के रूल्स जानना जरूरी होता है 🙏🏽 pic.twitter.com/RLv96FZTd2
— Neeraj Chopra (@Neeraj_chopra1) August 26, 2021
नीरज चोपड़ा ने अरशद नदीम के मामले में कहा कि लोगों को बिना कोई वजह से इस मामले को तूल नहीं देना चाहिए। ट्विटर पर जारी एक वीडियो में नीरज चोपड़ा ने कहा कि थ्रो फेंकने से पहले हर कोई अपना जैवलिन वहां पर रखता है, ऐसे में कोई भी वहां से जैवलिन को उठा सकता है और अपनी प्रैक्टिस कर सकता है। ये एक नियम है, जिसमें कोई भी बुराई नहीं है। अरशद केवल प्रैक्टिस कर रहा था’ नीरज चोपड़ा ने कहा कि अरशद अपनी प्रैक्टिस कर रहा था, फिर मैंने अपना जैवलिन मांगा तो उन्होंने दे दिया।
क्या था पूरा मामला
दरअसल, हुआ यूं था कि नीरज चोपड़ा फाइनल में थ्रो करने के लिए तैयार थे, लेकिन इस दौरान पाकिस्तान के अरशद नदीम, नीरज का थ्रो लेकर प्रैक्टिस कर रहे थे। जब नीरज ने देखा कि उनका थ्रो वहां पर नहीं है। उन्होंने चारों और नजर दौड़ाई तो पता चला उनका जैवलिन नदीम के पास है। इसके बाद नीरज ने नदीम से कहा,’भाई यह मेरा जैविलन है, यह मुझे दे दो। मुझे इससे थ्रो करना है।’ इसके बाद नदीम ने नीरज को उनका जैवलिन लौटा दिया। नीरज ने कहा कि इसी वजह से फाइनल में उन्होंने पहला थ्रो काफी जल्दबाजी में फेंका था।