अधिकारी, जनप्रतिनिधि धरातल पर आकर समझें किसानों की समस्या

अधिकारी, जनप्रतिनिधि धरातल पर आकर समझें किसानों की समस्या

इटारसी। किसान परेशान है, नहरों से पानी नहीं मिल रहा है और बिजली के तारों से करंट गायब है। कहीं तार टूटने और कहीं जंफर जलने की कहानी का अंत नहीं हो रहा है और इसी के साथ किसानों की समस्याएं भी अंतहीन सी हो चली हैं।

तिकारी किसान मजदूर संगठन के जिलाध्यक्ष हरपाल सिंह सोलंकी कहते हैं कि किसानों की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं। अधिकारी धरातल पर आकर देखते नहीं हैं और नेताओं को किसानों की सुध लेने की फुर्सत नहीं है। ऐसे में किसानों का दर्द कौन महसूस करेगा। उन्होंने कहा कि 4 अप्रैल से नहरों में पानी छोड़ा गया है, जो आज 9 अप्रैल तक तीखड़ बड़ी नहर से भीलाखेड़ी की बमुश्किल चार किलोमीटर की दूरी तक नहीं आया। कलमेशरा रेलवे लाइन से मेन रोड (इटारसी-डोलरिया) तक पानी नहीं आया और किसानों के इंतजार की इंतेहां हो गयी।

कृषि मंत्री से सवाल

किसानों ने कृषि मंत्री से सवाल किया है कि क्या कभी किसानों ने आपके साथ कोई बुरा व्यवहार किया है, जिसकी सजा किसान भुगत रहा है? इसी तरह से मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी धुरपन फीडर से मुश्किल से किसानों को 4-5 घंटे बिजली दे रही है। सरकार 10 घंटा बिजली देने की बात करती है, परंतु धरातल पर 4-5 घंटे ही बिजली मिल रही है। 11 बजे से 9 बजे तक लाइट जाने का समय है परंतु 11:15 या 11ङ20 से लाइट चालू होती है और 8:30 बजे लाइट बंद कर दी जाती है। इसके साथ-साथ हर 2 घंटे में लाइट बंद हो जाती है, पूछने पर मुश्किल से जवाब मिलता है कि तार टूट गया या जंपर जल गया।

बिजली विभाग की प्रतिदिन एक जैसी ही कहानी है। क्या इन परिस्थितियों में किसान खेत में पानी दे पाएगा? इसके लिए जिम्मेदार कौन? उन्होंने कहा कि इसका कुछ निराकरण होना चाहिए जिससे किसानों को नहर से पानी मिले और पर्याप्त 10 घंटा बिजली मिले, नहीं तो किसान बर्बाद हो जाएगा। आज किसानों की सुनने वाला कोई नहीं हमारे जनप्रतिनिधि भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। श्री सोलंकी ने जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों कहा कि वे धरातल पर आकर देखें और सच्चाई को समझें, ईमानदारी से काम हो रहा है या नहीं, इसके पीछे जिम्मेदार कौन हैं? कृपया कर किसानों का साथ दें।

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AUTHORRohit

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