नर्मदापुरम। राजधानी भोपाल में हुए मध्यप्रदेश शिक्षक संघ का के दिवसीय धरना आंदोलन में प्रदेश के सभी 52 जिलों से हजारों की संख्या में संगठन के कार्यकर्ताओं के जत्थे सम्मिलित हुए। कार्यक्रम में महिलाओं की भारी उपस्थिति रही।
शाम 5 बजे प्रशासन के माध्यम से शासन को तीन सूत्री मांगपत्र दिया जिसमें एनपीएस के स्थान पर ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना), प्राप्त वेतन और योग्यता के आधार पर पदोन्नति, राज्य शिक्षा सेवा से जुड़े गुरुजी एवं अध्यापक संवर्ग को उनके प्रथम नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता देते हुए क्रमोन्नत वेतनमान की मांग शामिल है। धरना दिवस की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री ने संगठन के प्रतिनिधि मंडल को चर्चा हेतु मुख्यमंत्री निवास आमंत्रित किया। संगठन का 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने संगठन के विचारों और ज्ञापन बिंदुओं को मुख्यमंत्री के समक्ष प्रत्यक्ष रूप से रखा और ज्ञापन की एक प्रति सौंपी।
संगठन के प्रांताध्यक्ष लछीराम इंगले ने अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री के आश्वासन की चर्चा को सार्वजनिक करते हुए आशा व्यक्त की कि मांगपत्र में अंकित बिंदु शासन द्वारा स्वीकार कर लिया जाएगा। भोपाल सत्याग्रह से लौट कर मप्र शिक्षक संघ के जिला सचिव केएस कुर्मी ने बताया कि नर्मदापुरम जिले के 7 विकासखंडों से 126 शिक्षक, शिक्षिकाएं धरना-आंदोलन में पहुंचे थे। संभागीय अध्यक्ष विनोद मालवीय ने कहा कि सरकार की अनदेखी के कारण हजारों शिक्षक बिना पदोन्नति के नियुक्ति पद से ही सेवा निवृत्त हो चुके हैं। अगर सकारात्मक परिणाम नहीं मिले तो सरकार को नतीजे भुगतने होंगे। जिले से भोपाल पहुंचे सभी शिक्षक, शिक्षिकाओं का जिलाध्यक्ष संजय गौर व जिला कोषाध्यक्ष मालकजी पटेल ने आभार जताया।