बांस सब-सेक्टर इंटरवेंशन पर कार्यशाला का आयोजन

बांस सब-सेक्टर इंटरवेंशन पर कार्यशाला का आयोजन

भोपाल/इटारसी। आजादी के अमृत महोत्सव (Amrit Festival of Independence) के अंतर्गत आत्मनिर्भर महिला किसान पखवाड़ा (Self-reliant Women Farmers Fortnight) भारत सरकार (Government of India) द्वारा 15 से 30 सितंबर 2022 के मध्य आयोजित किया जा रहा है। उक्त पखवाड़े के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा “Bamboo sub-sector Interventions” विषय पर कार्यशाला का आयोजन भोपाल (Bhopal) के होटल पलाश (Hotel Palash) में किया गया।
कार्यशाला में बांस आधारित आजीविका से किस प्रकार महिला स्वसहायता समूहों को लाभान्वित किया जा सकता है, इस पर विचार मंथन हुआ। कार्यशाला में आसाम (Assam) एवं महाराष्ट्र (Maharashtra) के प्रतिनिधि ने भी भाग लेकर बांस आधारित आजीविका पर अपने अनुभव साझा किए। भारत सरकार से आए संयुक्त सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय (Joint Secretary, Ministry of Rural Development) , चरणजीत सिंह (Charanjit Singh) ने बताया कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन का लक्ष्य 10 लाख परिवारों को बांस आधारित आजीविका से जोडऩे का है, जिसे आने वाले 3 वर्षों में पूर्ण किया जाएगा। मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (Chief Executive Officer of Madhya Pradesh State Rural Livelihood Mission), एलएम बेलवाल (LM Belwal) ने बताया कि मिशन द्वारा महिला स्वसहायता समहों को बांंस के फर्नीचर बनाने, हस्तशिल्प बनाने आदि में प्रशिक्षित कर आजीविका से जोड़ा है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी (Chief Executive Officer) , राज्य बांस मिशन (State Bamboo Mission) द्वारा मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में बांस आधारित आजीविका की अपार संभावनाओं को बताया। साथ ही नरेगा के साथ वन पड़त भूमि पर स्वसहायता समूहों के माध्यम से किए बांस रोपण के संबंध में अपने अनुभव साझा किए। बांस के उत्पादों के विपणन के संबंध में पूर्व आईएफएस अधिकारी, डॉ. एके भटटाचार्य ने अपने विचार रखे। सभी विभागों ने सामूहिक प्रयास से बांस के उत्पादन, उपार्जन एवं प्रसंस्करण की संभावनाओं पर प्रकाश भी डाला।
कार्यशाला में ग्राम कुईग्वारी, जिला हरदा के प्रगतिशील कृषक, शंभू सिंह राजपूूत, जिला नर्मदापुरम से रामकृष्ण रघुवंशी एनएसडीसी जैविक खेती वर्मी कंपोस्ट और हॉर्टिकल्चर प्रशिक्षक उपस्थित रहे। शंभू सिंह ने महिला स्वसहायता समहों को निशुल्क तकनीकी मार्गदर्शन करने पर सहमति दी। शंभू सिंह को उनके कार्यों के लिए भारत सरकार से आए प्रतिनिधियों ने सराहा एवं उन्हें सम्मानित किया।

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AUTHORRohit

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