इटारसी। मानसून तो सक्रिय है, लेकिन जिस तरह की बारिश की अपेक्षा की जा रही है, उसका अभी अभाव ही देखा जा रहा है। अब तक यहां रिमझिम फुहार के अलावा कुछ देर मूसलधार बारिश भी हुई है, लेकिन उसकी निरंतरता में कमी रही है। भारी, या अत्यधिक भारी बारिश का दौर, अभी शुरु नहीं हुआ है। श्रावण मास में लगने वाली झड़ी का इंतजार है, यदि तेज और लगातार बारिश होती है तो शहर से बाहर जाने का एकमात्र सहारा ओवरब्रिज ही रहेगा। शेष सभी रास्ते बारिश के पानी के कारण बंद हो जाएंगे।
ऐसे होंगे सभी रास्ते बंद
इटारसी में बाढ़ या नदियों के उफान पर आने के लिए सतपुड़ा का पानी कारण बनता है। शहर से कुछ ही दूरी पर स्थित सतपुड़ा पर जब भारी बारिश होती है तो पहाड़ी नदियों के द्वारा पानी इटारसी पहुंचता है और शहर की सीमाओं पर बाढ़ की स्थिति निर्मित करता है। ऐसे में शहर से निकलने वाले पुल-पुलियाओं के ऊपर से पानी बहने के कारण सभी रास्ते बंद हो जाते हैं। केवल ओवरब्रिज ही एकमात्र शहर से बाहर जाने का जरिया बनता है। पहाड़ी नदी मेहरागांव, तरोंदा रोड, ठंडी पुलिया से दक्षिण-पश्चिम और पश्चिमी गांवों का संपर्क खत्म कर देती है।
इसी तरह से पूर्वी हिस्से में बहने वाली सांकलिया पहाड़ी नाला भी न्यास बायपास और सोनासांवरी पुल के ऊपर से बहकर उत्तरी हिस्से का संपर्क खत्म कर देता है। रेलवे पुलिया के नीचे का रास्ता भी बारिश में बंद हो जाता है तो सोनासांवरी चौकी पर बन रहे ओवरब्रिज के कारण यह मार्ग भी महीनों से बंद है। नई गरीबी लाइन के अंडरब्रिज में इतना पानी होता है कि वाहन चालक यहां से निकलने का कोई जोखिम नहीं उठाते। ऐसे में शहर के प्रवेश द्वार पर बने ओवर ब्रिज से ही आवागमन संभव हो सकेगा। ऐसे में बरसात के मौसम में नागकिरों के लिए भारी परेशानी का सामना करते हुए बार-बार मार्ग बदलकर अपने आवश्यक कार्यों के लिए शहर से बाहर जाने और भीतर आने के लिए आवागमन करने पर मजबूर होना पड़ेगा।