ओ माँ
आजा माँ
झलक एक दिखला जा माँ।
तुझ बिन मेरा
जीवन रोता
कई रातो को
मै नही सोता
मुझको लोरी सुना जा माँ।
ओ माँ आ जा माँ..
कहां चली गयी
हमे रूला के
अपने बच्चो को
बिसरा के
एक बार फिर आ जा माँ।
तुझ बिन हमारा
जीवन सूना
सूना घर का
कोना कोना
बस एक पुकार लगा जा माँ।
किसने तुझसे
क्या कुछ कह दी
जो तू हम से
ऐसे रूठी
एक क्षमा दिलवा जा माँ।
जहाँ भी हो तुम
खुश खुश रहना
बच्चो को अपने
आशीष देना
संभव.हो तो लौट के आना
हमको फिर से गले लगाना
प्रभु पिता से बस
यही है प्रार्थना।
सभी माताओं को प्रणाम
महेश शर्मा (Mahesh Sharma)