इटारसी। राष्ट्रीय सेवा योजना बालक इकाई शासकीय महात्मा गांधी स्मृति स्नातकोत्तर महाविद्यालय द्वारा आयोजित सात दिनी आवासीय शिविर के तृतीय दिवस की शुरुआत योग, ध्यान, अभ्यास से हुई। स्वय ंसेवकों के द्वारा 1 घंटा योगाभ्यास किया। पूर्व से निर्धारित कार्य योजना अनुसार परियोजना कार्य को संपादित किया गया।
परियोजना कार्य की गतिविधियों में मतदाता जागरूकता रैली, जनसंपर्क के द्वारा मतदान के प्रति समाज को जागृत किया ताकि आगामी लोकसभा चुनाव में मतदान के प्रतिशत को बढ़ाया जा सके। इस दौरान रैली के माध्यम से पोस्टर प्रेजेंटेशन, स्लोगन के माध्यम से जन चेतना फैलाने का कार्य किया। सामाजिक एवं आर्थिक सर्वे स्वयं सेवकों ने किया। कार्यक्रम अधिकारी डॉ संतोष कुमार अहिरवार ने 4-4 बच्चों की टोली बनाकर पूरे गांव का आर्थिक एवं सामाजिक सर्वे कराया तथा तथ्यात्मक आंकड़ों को संग्रहित किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अहिरवार ने आम जन से सघन संपर्क कर मतदान के प्रति अपनी जिम्मेदारी, लोकतंत्र की गरिमा, लोकतंत्र के महत्व ,लोकतंत्र के प्रति आस्था विषय पर भी चर्चा की गई। कार्य योजना की अगले चरण में स्वयंसेवकों के द्वारा सघन स्वच्छता अभियान चलाया जिसमें ग्राम की चौक चौराहों, परिसर की सफाई की गई। बौद्धिक सत्र में महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. अरविंद शर्मा ने डिजिटल साक्षरता विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि आज का युग डिजिटल का युग है। जिसमें मोबाइल, कंप्यूटर, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम आदि के विषय में जानना अति आवश्यक है, क्योंकि इन्हीं माध्यमों के द्वारा जहां पर हम लोग तकनीकी ज्ञान से लाभान्वित हो रहे हैं वहीं दूसरी ओर क्राइम के शिकार भी हो रहे हैं।
अनावश्यक लिंक को ओपन ना करें जिन माध्यमों में संदेह की स्थिति निर्मित हो उनके बारे में जानकारी एकत्र कर उपयोग करें। डॉ अर्चना शर्मा ने स्वयंसेवक संबोधित करते हुए कहा कि एनएसएस के माध्यम से न केवल हम समाज की सेवा करते हैं अपितु हमारा व्यक्तित्व का विकास भी राष्ट्र सेवा योजना के माध्यम से होता है हम उन मूल्यों को जीते हैं जिन मूल्यों की चाह समाज करता है। बौद्धिक सत्र में तृतीय वक्त के रूप में लखन पटेल तहसील समन्वयक गायत्री परिवार आये उन्होंने अपनी व्याख्यान में बताया कि महापुरुष प्रकाश पुंज के समान होते हैं।
सांस्कृतिक मूल्य व्यक्तित्व मे अति आवश्यक है। अंतरात्मा में परमात्मा को धारण करें ।साधन भरे पड़े हैं साधना की कमी है। अच्छी संगत में रहे। इसका फल व्यक्ति को अवश्य मिलता है आदि बातें कहीं। चतुर्थ वक्ता के रूप में राजेश चौरे संस्कृति ज्ञान प्रभारी गायत्री परिवार से पधारे अपने व्याख्यान में कहा कि हम संस्कृति से जुड़े रहें। संस्कृत मूल्यों को जीवन में उतरे। अपने संस्कारों को जाने। संस्कृति से जुड़े रहें। गायत्री मंत्र पर भी अपने विचार रखें।