इटारसी। ग्राम सोनतलाई में चैत्र नवरात्र पर होने वाले श्री शतचंडी महायज्ञ को लेकर ध्वज यात्रा निकाली गई। इस यात्रा के माध्यम से गांव के प्रत्येक घर तक पहुंची धर्म ध्वजा की पूजा अर्चना कर ध्वज वाहक पं. राजीव दीवान का तिलक कर उन्हें श्री फल भेंट कर गामीणों ने अपनी-अपनी सहमति प्रदान की।
उल्लेखनीय है कि तवानदी के तट पर बसे ग्राम सोनतलाई में बीते दो दशक से चैत्र नवरात्र के पावन पर्व पर संपूर्ण नर्मदाचंल के ग्रामीण क्षेत्र का सबसे बड़ा धार्मिक और सामाजिक अनुष्ठान समस्त ग्राम वासियों व क्षेत्र वासियों की संकल्प पूर्ण सहमति से आयोजित होते आ रहा है।
आयोजन समिति के प्रवक्ता गिरीश पटेल ने बताया कि आयोजन से पूर्व गांव में एक परंपरा का निर्वहन किया जा है। इस वर्ष 13 अप्रैल से प्रांरभ होने वाले यज्ञ अनुष्ठान के पूर्व भी इसका निर्वहन किया। सर्व प्रथम आयोजन समिति के 101 सदस्य संयोजक राजीव दीवान (Rajiv Diwan) के नेतृत्व में मां बीजासेन देवी दरबार सलकनपुर (Salkanpur) पहुंचे। यहां देवी भगवती की सामूहिक पूजा अर्चना की और सलकनपुर देवी धाम से विशाल धर्म ध्वजा सोनतलाई ले जायी गई, जहा मां कात्यानी देवी के मंदिर में उक्त धर्म ध्वजा की पूजा पंडित राजीव दीवान से मंदिर पुजारी मोहित भार्गव द्वारा मंत्रोच्चरण के साथ कराई गई। धर्मध्वजा गांव में भ्रमण के लिये निकली। ध्वजा गांव में निकली तो उत्सव को वातावरण निर्मित हो गया। सभी गृहणियों ने अपने-अपने घर के आंगन को गाय के गोबर से लीपकर सुंदर रंगोली उकेरकर धर्मध्वजा के आगमन के लिये तैयार किया था और पूजा की थाली सजाकर महिलायें अपने अपने घर के द्वार पर खड़ी हो गई। जब यज्ञ का आव्हान करती धर्म ध्वजा इनके घर के आंगन तक पहुंची तो महिलाओं ने पूजा आरती कर, राजीव दीवान का तिलक कर वस्त्र और श्री फल भेंटकर अपनी सहमति प्रदान की। करीब 3 हजार के आबादी वाले इस बडे गांव में तीन घंटे के भ्रमण के पश्चात धर्मध्वजा वापस श्री कात्यानी देवी मंदिर के समीप पहुंची, जहां ग्राम वासियों में धार्मिक चेतना संचार करने वाली धर्म ध्वजा को विधि विधान से स्थापित किया और यज्ञशाला का निर्माण प्रारंभ किया। कार्यक्रम संयोजक राजीव दीवान ने बताया कि इस ध्वजा स्थापन के साथ ही श्री शतचंडी महायज्ञ एवं अन्य धार्मिक सामाजिक अनुष्ठानों की तैयारियां आरंभ हो गई हैं।