इटारसी। आदिवासी छात्र संगठन (महिला प्रकोष्ठ) एवं आदि नारी शक्ति संगठन इटारसी ने आज रविवार को बच्चों के साथ मिलकर श्री शंकर शाह और श्री रघुनाथ शाह की जयंती पर उनको याद किया।
इस उपलक्ष्य में बच्चों के साथ मिलकर कुछ गतिविधियों की गई। इसके माध्यम से बच्चों को कैसे अनुशासन में लाया जाए, वह कैसे अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं, उसके लिए जो लगन और सहनशीलता, संघर्ष की जो जरूरत होती है, उसको कैसे कर सकते हैं। इस चीज को सिखाने के लिए 17 बच्चों को गमला दिया। उसके लिए दो दो बीज भी दिए और उनका कहा गया कि इस बीज को पौधा बनाकर अगले महीने तक हमारे पास जमा करें। उनको इसकी जानकारी लिखने के लिए एक नोटपैड और पेन भी दिया गया है। जैसे-जैसे यह पौधा बढ़ेगा वैसे वैसे बच्चों के अंदर अनुशासन आएगा। उनको एक लक्ष्य दिया है जिसको उन्हें पूरा करना है। अगर वह छोटी सी गतिविधि को पूरा करते हैं, तो वे आगे बड़े कामों को करने के लिए सक्षम होंगे। इससे यह साबित होगा कि वह अपने कामों को सही ढंग से कर रहे हैं या नहीं। इसके अलावा पहली क्लास से पांचवी क्लास के बच्चों के लिए संगठन की तरफ से गिनती, पहाड़े, अल्फावेट के चार्ट भी दिए गए। कुछ अल्फावेट लेटर भी दिए गए हैं जिससे प्ले मेथड द्वारा बच्चों को गिनती, एबीसीडी सिखायी जाएगी ।
“दिल की बात अपनों के साथ” एक विधि के द्वारा बच्चों से उनके दिल की बात पूछी गई जो उन्होंने आज से पहले किसी को भी नहीं कही थी। बच्चों ने दिल खोल कर अपनी बातें कही। बिना किसी झिझक के। एक और गतिविधि “अपना गुब्बारा बजाओ” कराई गई जिसके माध्यम से यह बताया गया कि हमें जिंदगी में कभी भी किसी और व्यक्ति को पीछे खींचना है, बल्कि अपने सपनों को पूरा करने के लिए नए रास्ते, नए आयामों को खोजना है, ताकि एक आशावादी दृष्टिकोण को हम आगे ला सकें ।
इस मौके पर संगठन के मुख्य अतिथि के रूप में मनीषा धुर्वे, श्रीमती ज्योति धुर्वे ,शीला धुर्वे, श्रीमती गोमती उइके , श्रीमती किरण इवने, श्रीमती गीता कुशराम, शांति उइके, श्रीमती सागर इरपाचे, श्रीमती आशा उइके, श्रीमती राजमणि इवने आदि मातृशक्ति उपस्थित रहे।