मदन शर्मा, नर्मदापुरम। नर्मदापुरम जिले की होशंगाबाद सीट पर पहली बार दो भाइयों के बीच बंटी कांग्रेस और भाजपा की टिकट को लेकर पहले ही रोचक स्थिति बनी हुई है। संझला भारी पड़ेगा या छोटा इसको लेकर कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन छोटे की राह आसान नहीं दिखाई पड़ रही। वजह भाजपा में असंतोष थम नहीं रहा है।
भाजपा नेता भगवती चौरे ने बगावती तेवर अपना लिए हैं। उन्होंने शुक्रवार को भाजपा और निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पर्चा भी दाखिल कर दिया है। भगवती चौरे ने नामांकन रैली के जरिए अपनी ताकत का अहसास भी कराने की कोशिश की है। उनकी नामांकन रैली में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। जिसकी तुलना दो दिन पहले शहर में हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रोड़ शो की भीड़ से की जा रही है। माना जा रहा है भगवती चौरे मैदान में बने रहे तो भाजपा की राह कठिन हो सकती है।
भगवती चौरे ने मीडिया से चर्चा में बताया कि मध्यप्रदेश में होशंगाबाद विधानसभा का चुनाव दलगत राजनीति से ऊपर हो गया है। यहां संस्कार से भरे और पढ़े लिखे लोग रहते हैं। वह समझ चुके हैं कि इस चुनाव को दल से ऊपर करना है। यह चुनाव राजनीतिक शुद्धिकरण का भी माना जा सकता है। परिस्थिति ऐसी बन गई है जिसमें में डटकर सामने रहूंगा।
सोशल मीडिया पर चर्चा
सोशल मीडिया पर भीड़ को लेकर भी कई तरह की चर्चाएं हैं। दरअसल, नर्मदापुरम जिले में कुर्मी समाज के 52 गांव माने जाते हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि यह भीड़ सामाजिक लोगों की है जो नर्मदापुरम विधानसभा से बाहर से भी जुटायी गयी है। सिवनी मालवा और सोहागपुर विधानसभा से भी कुर्मी समाज के लोग वाहनों से लेकर आए हैं ताकि भीड़ दिखाई जा सके।
भाजपा नेता साथ दिखे
जब भगवती चौरे नामांकन जमा करने रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के समक्ष पहुंचे तो उनके साथ डॉ. राजेश शर्मा और दीपक हरिनारायण अग्रवाल भी थे। ये वही भाजपा नेता हैं जो डॉ.सीतासरन शर्मा को टिकट देने का विरोध कर रहे थे। डॉ. राजेश शर्मा तो टिकट के दावेदार भी रहे हैं, लेकिन भाजपा ने जिले में किसी भी विधायक की टिकट नहीं बदली।