शिव का स्वरूप है रुद्राक्ष, धारण करने वाले पर होती है शिव कृपा

रुद्राक्ष वितरण के साथ संगीतमय श्री शिव महापुराण कथा का समापन

इटारसी। रुद्राक्ष शिव का जीता जागता स्वरूप है। रुद्राक्ष विश्व की सर्वाधिक उपयोगी वनस्पति है। रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति पर भगवान शिवशंकर अपनी कृपा सदैव बनाये रखते हैं और सदा उसकी रक्षा के लिए साथ में ही रहते हैं।

उक्त उद्गार वृंदावन गार्डन में आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्री शिवमहापुराण कथा के समापन अवसर पर कथाव्यास पं अनिल मिश्रा ने व्यक्त किए। शनिवार को कथा के समापन अवसर पर सांसद राव उदय प्रताप सिंह, जनपद पंचायत अध्यक्ष भूपेंद्र चौकसे, तैराकी संघ के अध्यक्ष पीयूष शर्मा ने पहुंचकर व्यासपीठ का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

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कथाव्यास पं मिश्रा ने व्यासपीठ से कहा कि अगर कोई व्यक्ति भगवान शिव के आशुतोष स्वरूप का स्मरण कर भगवान शिव की अर्चना करता है तो उस व्यक्ति के सारे मन के द्वेष समाप्त हो जाते हैं। आज जगत के सभी प्राणियों को भी भगवान शिव के आशुतोष स्वरूप का अनुसरण करना चाहिए।

जीवन में जब उलझन पैदा हो रही हो, जीवन मिलने के बाद भी उलझनों में वृद्धि हो रही हो तो मनुष्य को भगवान शिव के आशुतोष नाम का उच्चारण एवं स्मरण करना चाहिए। हर मनुष्य को भगवान को उनके स्वरूप को अपने दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।

अपने व्यवसाय, दिनचर्या में जब सेवा एवं सहयोग को जोड़ देंगे तो भगवान शिव जो आपको देंगे उसकी कल्पना आप नहीं कर पाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने द्वादश ज्योतिर्लिंग की कथा सुनाई। समापन अवसर पर कथा पंडाल में मौजूद सभी श्रोताओं को करीब 3100 से अधिक रुद्राक्ष का वितरण किया।

आयोजक सेवन स्टार क्लब के जसवीर सिंह छाबड़ा ने कथा के सफल आयोजन में सभी सहयोगियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया।

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