विशेष : गर्मी में बिजली कटौती, लेकिन बिल में कटौती नहीं

विशेष : गर्मी में बिजली कटौती, लेकिन बिल में कटौती नहीं

– रोहित नागे, इटारसी :

तापमान बढऩे के साथ ही शहर की बिजली व्यवस्था गड़बड़ा गई है। ऐसा कोई क्षेत्र नहीं, जहां कोई न कोई फाल्ट नहीं हो रहा। दिन में कड़क धूप के अलावा रात में भी किसी न किसी कारण से फाल्ट होना, इस बात को जाहिर करता है कि बिजली के उपकरण किस गुणवत्ता के लगाये जा रहे हैं। इसके अलावा स्थानीय अधिकारियों के कार्य करने के तरीके और नीतियों पर भी सवाल उठने लगे हैं। मंगलवार को संपूर्ण शहर की बिजली कटौती का प्लान बना था, हालांकि इसे तेज गर्मी के कारण स्थगित कर दिया था। लेकिन, पथरोटा से आने वाली दोनों लाइनों पर एक साथ काम करके संपूर्ण शहर को घंटों इतने तापमान में बिजली नहीं देना, अदूरदर्शिता नहीं है? एक-एक लाइन पर अलग-अलग दिनों में एक से डेढ़ घंटे काम किया जा सकता है, बजाये तीन घंटे बिजली की कटौती करने के। अभी दोनों मेन लाइन, फिर सब स्टेशन, फिर फीडर्स, सबके लिए अलग-अलग कटौती होती है। प्री-मानसून रख-रखाव भी तभी क्यों, जब भीषण गर्मी पड़ रही है, एक तो उपभोक्ता के साथ अन्याय दूसरा भीषण गर्मी में काम कराना मैदानी अमले के लिए प्रताडऩा से कम नहीं है।
हजारों परिवार भीषण गर्मी से बेहाल हैं, वैसे ही गर्मी में बिजली की मांग बढ़ती है, उस पर घंटों की कटौती होती है और बिल में कोई कटौती नहीं होती है, बल्कि बिल आम दिनों की अपेक्षा दस से पंद्रह गुना अधिक आने लगता है। दिन के कुछ घंटे भी बिजली नहीं मिलना लोगों को अखर रहा है जिससे लोगों में विभाग के प्रति नाराजी देखी जा रही है। सोशल मीडिया पर हर घंटे बिजली नहीं मिलने की चर्चाएं चलती हैं। कटौती से व्यापारी वर्ग परेशान है, जिनका पूरा कारोबार बिजली पर निर्भर है ।

बिजली कंपनी की जादूगरी भरी अवैध वसूली से हर उपभोक्ता ठगी का शिकार हो रहा होगा, इसमें कोई संदेह नहीं। नियमानुसार हर एक माह में निर्धारित तारीख पर रीडिंग होना चाहिए। रीडिंग के आधार पर बिजली खपत टेरिफ अनुसार दरो का मूल्यांकन होकर बिजली बिल अदा करने होते हैं, कभी रीडिंग सवा माह तो कभी डेढ़ माह में हो रही है। रीडिंग अधिक आने पर उपभोक्ता को टेरिफ का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उदाहरण के तौर पर किसी उपभोक्ता की बिजली खपत एक माह में 100 यूनिट से कम है तो उसे 100 यूनिट खपत टेरिफ के आधार पर बिजली बिल अदा करना होगा, पर एक माह में रीडिंग न होकर 40 दिन में रीडिंग होती है तो उसकी बिजली खपत भीं 100 यूनिट से अधिक होगी और 100 यूनिट से अधिक बिजली खपत होने पर उससे अधिक वसूली होगी। समय सीमा में रीडिंग ना होने के खामियाजे के तौर पर अवैध वसूली का दंश हजारों उपभोक्ता झेल रहे हैं, जो ईमानदारी से बिल भी अदा करते हैं, पर ठगी का शिकार हो रहे हैं।

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