क्लिनिकल न्यूट्रिशन एवं पीजी डिप्लोमा की छात्राओं ने किया आईसीएआर इंस्टीट्यूट का भ्रमण

Post by: Poonam Soni

होशंगाबाद। शासकीय गृह विज्ञान महाविद्यालय में प्राचार्य डॉ. कामिनी जैन (Principal Dr. Kamini Jain) के मार्गदर्शन में क्लिनिकल न्यूट्रिशन एवं पीजी डिप्लोमा इन डायटटिक्स की 25 छात्राओं को भोपाल में स्थित आई.सी.ए.आर. इंस्टीट्यूट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस सोयाबीन प्रोसेसिंग एंड यूटिलाइजेशन संस्थान का शैक्षणिक भ्रमण कराया गया। प्राचार्य डॉ. कामिनी जैन ने कहा कि होशंगाबाद जिले में सोयाबीन की पैदावार होती है सोयाबीन के पौष्टिक गुणों की अनभिज्ञता के कारण इसे आहार में शामिल नहीं किया जाता है। छात्राओं को सोयाबीन के पोषणीय मूल्य से परिचित कराने एवं सोयाबीन मूल्य संवर्धन
द्वारा व्यंजनों को बनाना सिखाने इस भ्रमण का आयोजन किया गया। प्राचार्य ने कहा कि होशंगाबाद जिले में सोयाबीन की पैदावार होती है सोयाबीन के पौष्टिक गुणों की अनभिज्ञता के कारण इसे आहार में शामिल नहीं किया जाता है। छात्राओं को सोयाबीन के पोषणीय मूल्य से परिचित कराने एवं सोयाबीन मूल्य संवर्धन द्वारा व्यंजनों को बनाना सिखाने हेतु इस भ्रमण का आयोजन किया गया। शैक्षणिक भ्रमण विद्यार्थियों के लिए उपयोगी होते है जिससे उन्हे कार्यक्षेत्र पर जाकर अवलोकन के अवसर मिलते है। विभागाध्यक्ष डॉ. रश्मि श्रीवास्तव ने छात्राओं को सोयाबीन की सिद्धांत एवं प्रायोगिक विस्तृत जानकारी देने हेतु भ्रमण किया गया। आईसीएआर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पुनीत चंद्रा ने अपने पीपीटी के माध्यम से सोया प्रोटीनए प्रोटीन अन्य पोषक तत्वों की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि हर व्यक्ति को अपने आदर्श वजन के अनुसार प्रोटीन की आवश्यकता होती है और जिस प्रकार दूध और अंडा एक उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन की श्रेणी में आता है उसी प्रकार सोयाबीन में एक उच्च गुणवत्ता प्रोटीन की श्रेणी में आता हैए जिसमें 40 प्रतिशत प्रोटीन उच्च गुणवत्ता युक्त वाला होता है। तथा इसमें स्टार्च नहीं होता इसलिए से हमें आहार में शामिल किया जाना चाहिए।
सोयाबीन से बने विभिन्न पदार्थ जैसे दूधए पनीरए दहीए ओकाराए बेवाटर की विस्तृत जानकारी दी गई।
वैज्ञानिक डॉ समलेश ने अपने व्याख्यान सोयाबीन का स्वास्थ्य पर प्रभाव विषय पर पीपीटी के माध्यम से सोयाबीन की स्वास्थ्य उपयोगिता की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि ह्रदय रोग अर्थराइटिसए मधुमेहए ओस्टियोपोरोसिसए मासिक धर्म तथा गर्भवती एवं शिशुवती माताओं में सोयाबीन के नियमित उपयोग से स्वास्थ्य लाभ देखे गये।
तकनीकी विशेषज्ञ डॉ. ए कें सैनी ने सोयाबीन से बनने वाले उत्पादकों की शुद्धता को जांचने के लिए प्रयोगशाला परीक्षण के माध्यम से छात्राओं को प्रशिक्षित किया।
महाविद्यालय द्वारा आईसीएआर संस्थापक को आभार पत्र देखकर भविष्य में भी उनके सहयोग की अपेक्षा की गई तथा विभाग द्वारा छात्राओं को भी प्रमाण पत्र प्रदान किए गए छात्राओं ने शैक्षणिक भ्रमण को बहुत लाभकारी बताते हुए आगे भविष्य में भी इस तरह के और भी शैक्षणिक भ्रमण कराने का अनुरोध किया है।
भ्रमण में विभाग की डॉ. रीना मालवीय नीता सोलंकी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी प्रेम सिंह तथा मेघा वर्धिया, अंकिता गौर, निकिता, रोहिणी, वैदिका शर्मा, सुरभी उदयपुरिया, वर्षा पुरिया एवं अन्य छात्राए उपस्थित थे

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