इटारसी। मंगलवार और बुधवार को आषाढ़ कृष्ण पक्ष हलहारिणी अषाढ़ी अमावस्या दो दिन 28, 29 जून का मनाई जाएगी। हिंदू धर्म (Hinduism) में इस अमावस्या का विशेष महत्व है।
मान्यता है कि इस दिन स्नान दान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलने के साथ सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है, साथ ही पितरों का श्राद्ध करना शुभ माना जाता है। हलहारिणी अमावस्या (Halahari Amavasya) किसानों के लिए भी काफी खास होती है।
हलहारिणी अमावस्या की तिथि
मां चामुंडा दरबार भोपाल (Maa Chamunda Darbar Bhopal) के गुरु पंडित रामजीवन दुबे ने बताया कि इस बार हलहारिणी अमावस्या दो दिन मनाई जाएगी। 28 को सुबह 5 बजकर 53 मिनट से प्रारंभ होकर 29 जून को सुबह 08 बजकर 23 मिनट तक स्नान दान एवं श्राद्ध किया जाएगा। लेकिन उदया तिथि के आधार पर देखा जाए, तो अमावस्या 29 जून को सूर्योदय के कुछ देर बाद तक ही रहेगी।
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अमृत काल- सुबह 9 बजकर 10 मिनट से शुरू लेकर 10 बजकर 58 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 34 मिनट से लेकर 12 बजकर 29 मिनट तक
शाम के समय पूजा का शुभ मुहूर्त – शाम को 6 बजकर 39 मिनट से लेकर 07 बजकर 03 मिनट तक
हलहारिणी अमावस्या का महत्व
हलहारिणी अमावस्या पर स्नान दान के साथ पितरों का श्राद्ध करना शुभ माना जाता है। इस दिन पितृ देवता का तर्पण, धूप ध्यान के साथ अघ्र्य देने का विधान है। माना जाता है कि आज पूजा करने से भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं। हलहारिणी अमावस्या किसानों के लिए काफी खास मानी जाती है। इस दिन हल की भी पूजा करने के साथ नए पौधे लगाना शुभ माना जाता है। आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकम गुरूवार 30 जून से 8 जुलाई तक 9 दिन तक गुप्त नवरात्री का पावन पर्व प्रारंभ होगा। मंदिरों में पूजा-पाठ की तैयारी रोज-शोर से जारी है। नगर-निगम (Municipal Corporation), नगर पालिका (Municipality) के चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवार अपनी विजय के लिए पंडितों को अखंड ज्योति के साथ पूजा-पाठ कराने का संकल्प देंगे। भविष्य में वर्षा झमाझम होगी।