समय पर नहीं मिला उपचार, महिला की मौत

Post by: Rohit Nage

हरिओम और शांतिधाम समिति ने कराया अंतिम संस्कार
इटारसी। हरिओम संस्था (Hariom Sanstha) ने शांतिधाम श्मशानघाट जनभागीदारी समिति (Shantidham Crematorium Jan Bhagidari Samiti) के सहयोग से श्रीमती लक्ष्मी बाई (Smt. Laxmi Bai) पति गोपाल केवट (Gopal Kewat) के अंतिम संस्कार कराया। हरिओम संस्था के मनोज सारन (Manoj Saran), गोपाल सिद्धवानी (Gopal Sidhwani) ने आर्थिक सहयोग किया।

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हरिओम संस्था और शांति धाम समिति मृतक का नाम कभी उजागर नहीं करते हैं। परंतु इस मामले में सरकार के अधिकारियों को भी पता चले, इसीलिए यह नाम खुलकर लिखा जा रहा है। लक्ष्मीबाई केवट की उम्र 30 वर्ष की है। एक 10 वर्ष का बेटा रोहित है जिसने मां को मुखाग्नि दी। मृतका सनखेड़ा नाका के पास की रहने वाली है। पति गोपाल केवट मजदूरी करते हैं। सुबह अपनी पत्नी को लेकर पति इटारसी (Itarsi) के सरकारी अस्पताल (Government Hospital) गए। यहां से उन्हें नर्मदापुरम रेफर कर भेज दिया। नर्मदापुरम (Narmadapuram) के सरकारी अस्पताल ने भी भोपाल (Bhopal) भेज दिया। रास्ते में ही लक्ष्मीबाई की मृत्यु हो गई। इटारसी-नर्मदापुरम के सरकारी अस्पताल केवल रेफर सेंटर हो गए हैं क्या? परिवार के लोगों को यह तक नहीं पता चल पाया की मृत्यु किस कारण हुई। शांति धाम शमशान घाट जनभागीदारी समिति के कार्यकारी सदस्य प्रमोद पगारे ने दानदाताओं के प्रति आभार व्यक्त किया है और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से अनुरोध किया है कि भविष्य में और कोई लक्ष्मीबाई की ऐसे मौत ना हो।

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