आदिवासी जनसंपर्क एवं जन जागृति पदयात्रा नवंमा दिवस

आदिवासी जनसंपर्क एवं जन जागृति पदयात्रा नवंमा दिवस

इटारसी। आदिवासी जनसम्पर्क एवं जनजाग्रति यात्रा के नवमे दिन पदयात्रा सोंतलाई से प्रारम्भ होकर बिछुआ, ग्वाडी,खापा, गजपुर,घोघरी, छीपीखापा, नादनेर,कादई,छिरमऊ,चादोन, आयुध नगर, नागपुर कला, पाडुखेडी रात्रि विश्राम वाहन से चल रहे यात्रियों का केसला रात्रि विश्राम रहा।

नवमे दिन क्या रहा खास 

श्रीमति मंजू धुवे ने बताया है कि नवमे दिन भी ग्रामीण क्षेत्रों कि सामूहिक समस्याएं पदयात्रीयों के समक्ष आईं ज्ञाताव्य हो कि आदिवासी जनसम्पर्क जनजाग्रति यात्रा के प्रथम दिवस से ही आदिवासी जनसमुदाय के साथ अन्य सर्व हित कि समस्याएं उभर कर आने लगीं थी जिसमे वन अधिकार पट्टों को आदिवासीयों को दिलाना, पट्टे वाली भूमि पर अवैध कब्जे हटवाना, वन ग्रामो को राजस्व ग्राम घोषित करना, ग्रामीण क्षेत्रों मे मूलभूत सुविधाओं जैसे बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा और सड़क से सम्बंधित समस्याएं प्रमुख हैँ, पुलिस व प्रशासन से सागाजनों कि शिकायतो पर त्वरित कार्यवाही कि अपेक्षा, विस्थापित ग्रामो कि समस्यायों का निराकरण, जन हितैषी योजनाओं के लाभ के लिए ग्रामीण जनो का यहाँ वहां भटकना जैसे मजदूरी कार्ड, आयुष्मान कार्ड, श्रमिक कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र एवं ड्राइविंग लाइसेंस निर्माण आदि हेतु।

सराहनीय कार्य –

जनजाग्रति यात्रा और राजा भभूत सिँह का स्मृति स्मारक निर्माण के संकल्प को जहाँ यात्रा के प्रत्येक पड़ाव पर सराहा जा रहा है। वहीं यात्रा के दौरान आने वाले आवेदनों और सामूहिक स्थानीय समस्याओं को सूचीबद्ध भी किया जा रहा है।

पदयात्रा में चल आकाश कुशराम, रजत मर्सकोले, प्रफुल्ल उईके, नरेंद्र वरकड़े, सुरेश हरिराम, रामभरोस उईके, नीति राज ठाकुर, राघवेन्द्र उईके, अंकित इवने, मनीष मर्सकोले, विजय सोलंकी, प्रकाश ब्रम्हे, बड़वानी,मनोज कुमरे नवमे दिवस पदयात्रियों का स्वागत करने वालों मे सरपंच विछुआ संतोष ककोडिया, अजय परते, जियालाल मर्सकोले, शिवराम परते, मोनू, शुभम धुवे, अंकित मर्सकोले, दीपू भल्लावी आदि प्रमुख रहे।

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