इटारसी। आज संसार में जो विध्वंसक घटनाएं हो रही हैं, उसका मूल कारण है, प्रकृति के साथ खिलवाड़। चूंकि प्रकृति ईश्वर की बनाई हुई है, अत: प्रकृति के विपरीत चलना, उसका अत्यधिक दोहन करना, मतलब कि ईश्वर के बनाए नियमों का उल्लंघन करना है। लेकिन, आज ऐसा हो रहा है।
उक्त उद्गार आदिवासी आचार्य शंकर ईरपाचे ने ग्राम सोनतलाई में आयोजित गोंडी कोयापुनेम धर्म दर्शन गाथा समारोह में व्यक्त किये। आचार्य श्री शंकर ने कहा कि धरती, जल, वायु, अग्नि और आकाश इन पांच तत्वों से प्रकृति और संसार चलाएमान है और आदिवासी समाज हमेशा से प्रकृति के नियमों के तहत ही अपना जीवन संचालित करता है। संसार के सभी वर्ग को भी प्रकृति के नियमों का पालन करना चाहिए। इसके साथ ही आचार्य शंकर ने गोंडी धर्म गाथा के महत्व को अनेक आध्यात्मिक प्रसंगों के साथ प्रतिपादित किया।
उन्होंने कहा कि शराब छोडऩे से घर परिवार सुधरेगा, महुआ के फूल देव पर चढ़ाना, पूजा करने, लड्डू बनाने के उपयोग में लिया जाना चाहिए। यह शरीर के लिए लाभदायक है लेकिन लोग शराब पीकर, शरीर बिगाड़ रहे हैं और परिवार में लड़ाई झगड़ा हो रहे हैं। दारू को एक दवाई के रूप में लेना चाहिए। जमीन के पेड़ लगना चाहिए, उनकी रक्षा करना चाहिए। पेड़ों से ऑक्सीजन प्राप्त होती है।
उपरोक्त गोंडी धर्म दर्शन गाथा कार्यक्रम में आज रविवार को क्षेत्र के विधायक विजयपाल सिंह, नवनियुक्त भाजपा मंडल अध्यक्ष विनय यादव, समाजसेवी राजीव दीवान, प्रधान पाठक दिलीप यादव, भाजपा नेता आशुतोष शरण तिवारी, बहादुर चौधरी एवं अन्य गणमान्य जनों ने शामिल होकर आदिवासी समाज के महान धर्माचार्य शंकर इरपाचे का सम्मान किया। आयोजन समिति ने बताया कि इस जिला स्तरीय सामाजिक धार्मिक आयोजन का समापन सोमवार विशाल भंडारे के साथ विराट स्तर पर होगा।