- – बच्चों ने रैली निकाली, गुरूद्वारे में हुआ शबद कीर्तन और लंगर, ढाडी गायन से बताई साहिबजादों की वीरता
इटारसी। धर्म की रक्षा में अपने प्राणों की आहूति देने वाले गुरू गोविंद सिंह महाराज के चार साहिबजादों का बलिदान दिवस शुक्रवार को मनाया गया। पिछले एक सप्ताह से इस बलिदान पर्व के तहत गुरूद्वारा श्री गुरूसिंग सभा जयस्तंभ चौक पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। प्रबंधन कमेटी गुरुद्वारा गुरुसिंघ सभा के प्रधान सेवादार जसवीर सिंघ छाबड़ा ने बताया कि 21 से 27 दिसंबर तक बलिदान सप्ताह मनाया गया।
शुक्रवार को इस सप्ताह के समापन अवसर पर गुरूनानक स्कूल में वीर बाल दिवस मनाया। इस अवसर पर सांसद दर्शन सिंह चौधरी, विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा, नपाध्यक्ष पंकज चौरे, मंडल अध्यक्ष राहुल चौरे, टीटू सलूजा समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने अमर साहिबजादों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। सांसद दर्शन सिंह चौधरी एवं विधायक डॉ.. सीतासरन शर्मा ने कहा कि मुगलों के अत्याचार का सामना करने हुए वीर साहिबजादों ने अपने प्राण त्याग दिए, लेकिन अपने धर्म को नहीं छोड़ा। इन वीर योद्धाओं को नमन है, साथ ही आज की नई पीढ़ी को इनकी वीरता से सीख लेना चाहिए कि धर्म की रक्षा में कभी प्राण भी त्यागना पड़ जाए तो इससे पीछे नहीं हटना चाहिए।
धर्म रक्षा एवं मातृभूमि की सेवा को समर्पित यह गौरवमयी गाथा चिर काल तक हम सभी को प्रेरित करती रहेगी।
कीर्तन, लंगर हुआ बच्चों ने रैली निकाली
वीर बलिदान सप्ताह के समापन अवसर पर सुबह गुरूनानक स्कूल में बलिदान दिवस का कार्यक्रम हुआ, इसके बाद स्कूली बच्चों ने शहर में बलिदान रैली निकालकर पूरे शहर में साहिबजादों की शहादत को याद किया। दोपहर में गुरूद्वारे में लंगर का आयोजन किया गया।
सप्ताह के तहत पंजाबी साहित्य अकादमी ने वीर बलिदान दिवस का आयोजन किया था, इसमें शहर के स्कूलों में बच्चों को साहिबजादों की शौर्य गाथा पर आधारित फिल्म दिखाई गई। गुरू गोविन्द सिंघ के साहिबजादो बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के बलिदान सप्ताह पर जयस्तंभ गुरूद्वारे में विशेष कीर्तन दरबार, श्री अखंड पाठ साहिब, कथा विचार और गुरुवाणी का आयोजन किया गया। युवाओं द्वारा शहर में चार स्थानों पर गर्म दूध का वितरण किया गया।
पंजाबी साहित्य अकादमी ने किया आयोजन
मप्र शासन संस्कृति विभाग एवं मप्र संस्कृति परिषद द्वारा पंजाबी साहित्य अकादमी भोपाल ने भी सप्ताह के तहत हुए कार्यक्रमों में सहयोग किया। पर्व पर गुरू गोविंन्द सिंह के चार साहिबजादों एवं माता गुजरी द्वारा धर्म राष्ट्र रक्षा हेतु दिए गए बलिदान पर केन्द्रित ढाडी गायन भी हुआ। पंजाब से विशेष तौर पर आए ढाढी रागी जत्थे भाई सुरेंद्र सिंह एवं उनके साथियों ने साहिबजादों का इतिहास संगीत वाणी के रूप में सुनाया। ज्ञानी संतोख सिंह ने कथा विचार एवं इतिहास सुनाया। प्रभात फेरी एवं अखंड पाठ साहिब का समापन हुआ।