इटारसी। उच्च शिक्षा विभाग, मध्य प्रदेश (Department of Higher Education, Madhya Pradesh) के निर्देशानुसार शासकीय कन्या महाविद्यालय इटारसी (Government Girls College, Itarsi) में उच्च शिक्षा में मिश्रित अध्यापन एवं अध्ययन की प्रासंगिकता विषय पर आयोजित वेबीनार में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. अंबेडकर यूनिवर्सिटी, लखनऊ (Dr. Ambedkar University Lucknow) के डीन डॉ. विभूति भूषण मलिक (Dr. Vibhuti Bhushan Malik), मणिपाल यूनिवर्सिटी, जयपुर, राजस्थान (Manipal University Jaipur, Rajasthan) से डॉ. दीपिका धमेजा (Dr. Deepika Dhameja), उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान, भोपाल (Institute of Excellence in Higher Education , Bhopal) से डॉ. मीनाक्षी राठी (Dr. Meenakshi Rathi) शामिल रहे।
स्वागत उद्बोधन में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आरएस मेहरा ने कहा कि कॉविड-19 के अनुभवों से सीख कर वर्तमान समय की आवश्यकता को उच्च शिक्षा में मिश्रित अध्यापन एवं अध्ययन को समावेशित किया जाए। मिश्रित शिक्षा केवल ऑनलाइन और ऑफ लाइन के तरीकों का मिश्रण नहीं है बल्कि यह दोनों में सार्थक गतिविधियों के एक सुनियोजित संयोजन को संदर्भित करता है। वेबीनार के विषय के परिभाषित करते हुए महाविद्यालय की आइक्यूएसी प्रभारी एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ. हरप्रीत रंधावा ने कहा कि मिश्रित शिक्षण एक ऐसी पद्धति है जो की छात्र-केंद्रित शिक्षण मॉडल है। यह एक सीखने का तंत्र है जो कक्षा के छात्रों और दूरस्थ शिक्षार्थियों के लिए समान रूप से फायदेमंद हो सकता है।
डॉ. विभूति भूषण मलिक ने अपने व्याख्यान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति तथा उच्च शिक्षा में मिश्रित शिक्षण के विभिन्न मुद्दों एवं चुनौतियां पर विचार प्रस्तुत किये। अपने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न आयामों को प्राप्त करने में मिश्रित अध्यापन एवं अध्ययन की आवश्यकता पर जोर दिया। डॉ. दीपिका धमीजा ने मिश्रित शिक्षा उच्च शिक्षा का भविष्य है विषय पर पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विचार प्रस्तुत किया। डॉ. मीनाक्षी राठी ने ऑनलाइन टीचिंग और लर्निंग टूल्स विषय पर पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारी प्रस्तुत की। वेबीनार में अनेक प्रतिभागियों ने विषय से संबंधित पेपर प्रस्तुत किये।
वेबीनार आयोजन सचिव एवं कार्यक्रम की संचालिका डॉ. हर्षा शर्मा ने कहा कि भारत की उच्च शिक्षा में नवाचार और सफलता के लिए मिश्रित अध्यापन एवं अध्ययन अति आवश्यक है। कार्यक्रम के सह सचिव डॉ. संजय आर्य ने मिश्रित शिक्षा के गुणों को समझाते हुए कहा कि मिश्रित शिक्षा शिक्षकों को अपने पाठ्यक्रम डिजाइन करने और वितरित करने में अधिक लचीलापन स्वायत्तता और रचनात्मकता प्रदान करती है डॉ. शिरीष परसाई ने आभार प्रदर्शन करते हुए कहा कि व्यक्तिगत और ऑनलाइन शिक्षा को पूरक बनाकर मिश्रित शिक्षण, एक एकीकृत कक्षा बनाता है जहां सभी प्रकार के विद्यार्थियों की जरूरतों को पूरा किया जा सकता है। वेबीनार में संपूर्ण भारत से अनेक प्रतियोगियों ने भाग लिया।