उत्तर बंगलिया में सामाजिक एकता की बनी मिशाल

Post by: Manju Thakur

इटारसी। जिस वक्त देश के विभिन्न हिस्सों में जातीय टकराव का दौर चल रहा है। उस वक्त जातीय सौहार्द्र की मिशाल इटारसी शहर के सबसे पिछड़े माने जाने वाले क्षेत्र उत्तर बंगलिया वार्ड 08 में पेश की गई।
यहां आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के प्रसंग पर उनके जन्म का मंचन किया। खास बात है कि भागवत कथा का आयोजन ब्राह्मण परिवार करा रहा है और आज हुए मंचन में भगवान श्रीकृष्ण यहां के दलित परिवार का बेटा बना। उन्हें सिर पर विराजमान करके पंडाल पर ले जाने वाले यजमान सवर्ण थे। उत्तर बंगलिया के एसएसडीएसएम स्कूल के सामने आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का मंचन किया। भागवत कथा कराने वाले विनोद योगी का कहना है कि हमारा मोहल्ला पहले से ही जातीय एकता की मिशाल पेश करता आया है, यहां किसी भी जाति के व्यक्ति से भेदभाव कोई नहीं करता। योगी का कहना है कि उनके पड़ोसी शांति बाई अहिरवार के नाती देवेंद्र पिता विनोद अहिरवार को आज श्रीकृष्ण बनाया था। आज के वक्त में जब देश में जाति को लेकर टकराव कई जगहों पर हो रहा है ऐसे वक्त में हमने श्रीमद् भागवत कथा के पंडाल से ये संदेश देने की कोशिश की है कि मानव की जाति एक है, उसे जाति के बंधन में बांधकर देखना मानवता और भगवान का अपमान है। श्रीकृष्ण बने बालक के चाचा मुकेश अहिरवार का कहना है कि मोहल्ले में कभी ऐसा नहीं लगा कि किसी ने भेदभाव किया हो, आज जब योगी परिवार से प्रस्ताव आया कि आपका भतीजा श्रीकृष्ण बनेगा तो कितनी खुशी हुई उसका अनुमान नहीं लगा सकते। मुकेश कहना है जातिवाद को फैलाने वालों को हमारा मोहल्ला आकर देखना चाहिए। यहां हर जाति, वर्ग के नागरिक हैं और सभी साथ मिलकर परिवार की तरह रहते हैं।

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