एक मंच पर आए दलित और आदिवासी
इटारसी। सतपुड़ा पर्वत श्रंखलाओं के मध्य बसे धार्मिक स्थल तिलक सिंदूर में आदिवासी सेवा समिति तिलक सिंदूर के तत्वावधान में मूल निवासी एकता पर आयोजित व्याख्यान में मुख्य सहयोगी संगठन आदिवासी विकास परिषद होशंगाबाद, भीम शक्ति संगठन होशंगाबाद, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, बहुजन समाज पार्टी एवं अन्य सामाजिक संगठन का सहयोग रहा।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि स्वामी सत्यानंद महाराज सत्य, सुरेश करिया प्रदेश अध्यक्ष भीम शक्ति संगठन मध्य प्रदेश, अरुण प्रधान जिलाध्यक्ष आदिवासी विकास परिषद, पीसी चौधरी प्रदेश उपाध्यक्ष जांगड़ा महासभा एवं प्रदेश महासचिव भीम शक्ति संगठन, एसएम मरकाम एसडीओ आरईएस वन विभाग बैतूल, फागराम जनपद पंचायत सदस्य केसला एवं प्रभु राम कौशिक उपाध्यक्ष भीम शक्ति संगठन देवास, रामविलास बकोरिया उपाध्यक्ष जांगड़ा महासभा हरदा, सुनील चौहान समाजसेवी बुधनी, विनोद लोंगरे बीएसपी जोन प्रभारी, मदन लाल परते पूर्व जनपद सदस्य, रामभरोस तुमराम आदिवासी विकास परिषद अध्यक्ष सिवनी मालवा एवं आदिवासी तिलक सिंदूर समिति के अध्यक्ष बलदेव तेकाम, कमलेश धुर्वे (गोंडी धर्माचार्य) केपी बकोरिया शिक्षक, जिया लाल मर्सकोले गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, सुरेंद्र धुर्वे संरक्षक तिलक सिंदूर मंदिर समिति, राकेश तुमराम वरिष्ठ सलाहकार, मंगल सिंह कुमरे उपाध्यक्ष, सुखराम कुमरे वरिष्ठ सलाहकार, जगदीश प्रसाद काकोडिय़ा एवं सभी समिति के सदस्य एवं आसपास के गांव सहित प्रदेश के अनेक जिले से आये लोग शामिल हुए।
मुख्य अतिथि स्वामी सत्यानंद महाराज ने आरक्षण, पांचवी अनुसूची, आदिवासी एकता, शराब नशा मुक्ति, आर्थिक, राजनीति, सामाजिक और सांस्कृतिक स्थिति पर अपने उद्बोधन दिए। उन्होंने कहा कि जिस समाज की गैर राजनीतिक जड़ मजबूत नहीं होती उसकी राजनीति चल नहीं सकती। अर्थात समाज की जडंे मजबूती पर जोर दिया और कहा कि आदिवासियों को एक मंच पर आने की जरूरत है। अगर एक मंच पर आ जाएं तो आदिवासी अपना निर्दलीय विधायक, सांसद बना सकता है। यह कार्यक्रम जिले में पहला कार्यक्रम है जिसमें अजा, जजा के लोग एक मंच पर उपस्थित होकर शामिल हुए।