कोरोना से बचने सुरक्षा उपायों के साथ किया जा रहा है शिवाभिषेक

Post by: Manju Thakur

इटारसी। सनातन धर्म में सावन का महीना अति विशिष्ट माना जाता है। महिलाएं भगवान शिव को मनाने सावन मास में विशेष जतन करती हैं। श्री नवग्रह दुर्गा मंदिर (Shri Navgrah Durga Mandir) में चल रहे धार्मिक अनुष्ठान के दौरान सावन मास का महत्व बताते पं. विनोद दुबे ने कहा कि भगवान शिव सावन मास में अत्यधिक प्रसन्न रहते हैं तथा भक्तों ही हर इच्छा पूरी करते हैं।
उन्होंने कहा कि भगवान शिव जो भी रचना करते हैं, वह सही होती है और इसी कारण भगवान शिव पर लोग विश्वास करते हैं। श्री दुबे ने कहा कि उत्तर भारत के एक शहर में ग्रीष्मकाल में अत्यधिक सूखा पड़ा तथा पीने के पानी का संकट गहराया तब स्थिति यह हुई कि गांव के लोगों ने तय किया कि वो सावन मास के पानी के संकट के कारण इस बार भगवान शिव का अभिषेक नहीं करेंगे। गांव की एक बुजुर्ग महिला को यह बात बुरी और उन्होंने गांव के शिव मंदिर में इस संकल्प के साथ भगवान शिव के समक्ष बैठ गई कि जब तक इस गांव में वर्षा नहीं होगी वह अन्न जल ग्रहण नहीं करेंगी।
करीब 13 दिनों की घनघोर तपस्या के बाद भगवान शिव प्रसन्न हुए और उस गांव में घनघोर बारिश हुई। तब गांव के सारे लोगों ने भगवान शिव से क्षमा मांगी और अगले एक माह तक भगवान शिव के पार्थिव स्वरूप का निर्माण किया और एक माह तक निरंतर रूद्राभिषेक किया। विनोद दुबे के साथ सत्येन्द्र पांडे एवं पीयूष पांडे आमंत्रित महिलाओं एवं नागरिकों से भगवान शिव का पूजन एवं अभिषेक करा रहे हैं।

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