गाय के रोम-रोम में 39 कोटी देवी-देवता विराजमान

Post by: Rohit Nage

श्रीमद भागवत का हुआ समापन
इटारसी। पुरानी इटारसी स्थित कैलाश विहार कालोनी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के सातवे और अंतिम दिन कथा वाचक पं रामेश्वर प्रसाद शर्मा ने श्रीकृष्ण की कथा सुनाई और कहा कि गौ सेवा करना सबसे बड़ा पुण्य है। गौ माता को पूजना मतलब सारे देवी देवता को पूजना होता है। गाय के रोम रोम में 39 कोटी देवी देवता विराजमान हैं।
उन्होंने कहा कि भागवत सभी पुराणों का सार है। भागवत कथा सुनना भी सबसे बड़ा पुण्य है। भगवान श्री कृष्ण कि कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण जैसा युग पुरुष इस संसार में कोई नहीं है। भगवान का 16 हजार 108 विवाह होना नारी को पतन होने से बचाया है। श्रीकृष्ण एक नारी सदा ब्रम्हचारी है। संसार में एक ही पुरुष है, तो वो परमात्मा है। बाकी हम सब आत्मा है। उन्होंने कहा कि वेद में एक लाख मंत्र है। 80 कर्मकांड, 4 ज्ञान कांड, 16 उपासना कांड और 100 वेद की रचनाएं हैं। इसलिए भगवान का ध्यान हर समय करना चाहिए।
पं रामेश्वर शर्मा ने भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता की कथा सुनाते हुए कहा कि उनकी दोस्ती ब्रम्ह और जीव की है। श्री कृष्ण ने सुदामा की पोटली नहीं गरीबी छीनी थी। भगवान अपने भक्तों से दुख छीनकर सुख प्रदान करते हंै। इसलिए आज से ही अपने पल्ले में पुण्य की पूंजी बांध लेना और पुण्य की पूंजी कमा लेना। इस अवसर पर होशंगाबाद विधायक एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा भी शामिल हुए। इस दौरान कथा आयोजक देवीदास सोनवने ने उनको शॉल श्री फल से सम्मानित किया।

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