चैत्र नवरात्रि : मां के दरबार में जगमगाए आस्था के दीप

Post by: Manju Thakur

इटारसी। आज से चैत्र नवरात्रि पर्व प्रारंभ हो गया है और इसी के साथ ही मां भगवती के दरबार में आस्था के दीप जगमगा उठे हैं। भक्तों ने आज से नौ दिनों तक चलने वाले पर्व के उपवास भी प्रारंभ कर दिए हैं। नवरात्रि और नवसंवत्सर प्रारंभ होने के अवसर पर अनेक भक्तों ने आज मंदिरों में पूजा-अर्चना की और सैंकड़ों लोग मां बिजासन के दर्शन करने सलकनपुर भी गए हैं।
आज सुबह से ही भक्तों ने देवी मंदिरों में जाकर माता को जल से स्नान कराया, फल-फूल और प्रसाद चढ़ाया तो कुछ लोगों ने गरीबों को दान भी किया। आज से ही शहर के अनेक देवी मंदिरों में नवरात्रि के कार्यक्रम भी प्रारंभ हो गए हैं। इन नौ दिनों तक मंदिरों में भक्तों का मेला लगा रहेगा। शहर के श्री द्वारिकाधीश मंदिर, श्री बूढ़ी माता मंदिर, माता महाकाली मंदिर सोनासांवरी नाका, बम बाबा दरबार न्यास कालोनी, कां कात्यायनी मंदिर सोनतलाई सहित अनेक मंदिरों में पूरे नौ दिन मां के भक्तों का मेला लगा रहेगा।

माता की स्थापना हुई, कलशयात्रा निकाली
श्री बम बाबा दरबार न्यास कालोनी में आज चैत्र नवरात्रि के अवसर पर मां भगवती की प्रतिमा स्थापित की गई। यहां पूरे नौ दिन श्री शतचंडी महायज्ञ का आयोजन भक्तों के सहयोग से किया जाएगा। मां की प्रतिमा स्थापना से पूर्व आज न्यास कालोनी स्थित बम बाबा दरबार से एक कलश यात्रा भी निकाली गई जो शहर के विभिन्न मार्गों से होकर वापस आयोजन स्थल पर संपन्न हुई। कलश यात्रा में सैंकड़ों महिला-पुरुष भक्तों ने अपनी भागीदारी निभायी। यहां नवरात्रि के दौरान दुर्गा पाठ, रूद्राभिषेक, हवन, आरती, प्रसाद वितरण, श्रीराम जन्मोत्सव, ब्राह्मण भोज, कन्याभोज और भंडारे का कार्यक्रम चलेगा। समापन के बाद होशंगाबाद में पावन नर्मदा के जल में मां की प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा।

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सर्व समाज ने निकाला जुलूस
शहर में नवसंवत्सर के अवसर पर पहली बार सर्वसमाज ने एकता जुलूस निकाला। नवसंवत्सर पर आज हिन्दू समाज के विभिन्न संगठनों ने मिलकर एक शोभायात्रा निकाली जो नेहरुगंज से प्रारंभ होकर पहली लाइन स्थित श्रीराम-जानकी मंदिर में संपन्न हुई। इस दौरान रास्ते में जगह-जगह विभिन्न सामाजिक संगठनों के सदस्य शोभायात्रा में शामिल नगरवासियों का किया। चिकमंगलूर चौराहे पर सेन समाज के सदस्यों ने जलूस का स्वागत किया तो आरएमएस आफिस के सामने सिंधी समाज के प्रतिनिधियों ने स्वागत किया। इसके साथ ही व्यापारिक प्रतिष्ठानों ने जयस्तंभ चौक, सराफा बाजार, नीमवाड़ा में भी जुलूस में शामिल सदस्यों का आत्मीय स्वागत किया और हिन्दू एकता का परिचय दिया है।
उल्लेखनीय है कि नगर में पहली बार हिन्दू धर्म के सभी समाजों को एक करके सब ने मिलकर सबकी सहमति और सहयोग से चैत्र शुक्ल पक्ष पर गुड़ी पड़वा के दिन हिंदू नव वर्ष पर शोभायात्रा निकालने का निर्णय लिया था। इसी तारतम्य में आज शोभायात्रा नेहरू गंज के परशुराम मंदिर शीतला माता मंदिर परिसर से प्रारंभ हुई जो चिकमंगलूर चौराह, जयस्तंभ चौक, दुर्गा मंदिर, द्वारिकाधीश मंदिर होते हुए पहली लाइन में राम जानकी मंदिर पर पहुंचकर संपन्न हुई। इससे पूर्व आज हिन्दू संगठनों के आह्वान का भी खासा असर देखा गया। हिन्दू परिवारों ने आज अपने घर पर केसरिया ध्वज फहराया तो शाम को घरों के सामने दीप जलाकर नववर्ष का अभिनंदन भी किया। महाराष्ट्र के मूल निवासी यहां रहने वाले परिवारों ने आज सुबह की शुरुआत गुड़ी पूजन से की। मराठा परिवारों ने आज सुबह पूरे विधि-विधान से गुड़ी पूजन करके गुड़ी पड़वा का पर्व मनाया।

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परिवर्तन ने तिलक कर दी शुभकामनाएं
शहर की पर्यावरण सहित अन्य सामाजिक क्षेत्र में कार्यरत संस्था परिवर्तन के सदस्यों ने आज नगर के लोगों को तिलक करके, प्रसाद वितरण करके नवसंवत्सर की शुभकामनाएं प्रेषित कीं। विक्रम संवत 2075 के प्रथम दिवस चैत्र की नवरात्र पर परिवर्तन संस्था ने यहां के बाजार एरिया और होशंगाबाद में 25 सदस्यों ने नगर वासियों को प्रसाद वितरण किया, तिलक लगाया और नए वर्ष की शुभकामनाएं प्रेषित कीं। संस्था के दिलीप सनास, सुनील चौधरी, विनोद चौधरी, अनुराग दीवान, चंद्रेश मालवीय, खेमचंद, मुकेश नागर, राजेश यादव, पंकज पटेल, भागीरथ, शीतल, रामचरण, सतीश सैनो, रूपेंद्र, राजेश व्यास, संजय जोशी, विशाल दुबे, अखिल दुबे, विरवाल आदि सदस्य मौजूद थे।

सोनतालई से निकाली जल कलश यात्रा
चैत्र नवरात्र पर ग्राम सोनतलाई में होने वाले आयोजन में आज जलकलश यात्रा निकाली गई। जल कलश यात्रा के पूर्व मां कात्यानी देवी मंदिर के समक्ष बनाये गये मंडप में गुड़ी पड़वा पर्व की पूजा अर्चना की। संयोजक राजीव दीवान के नेतृत्व में मां कात्यायनी देवी मंदिर प्रांगण से तवा नदी तक श्रद्धालु पैदल आये। इसके बाद 51 ट्रैक्टर ट्राली, 31 मोटर कार एवं 101 मोटर सायकल पर सवार श्रद्धालु बाबई के ग्राम मानागांव, आंखमऊ, गुजरवाड़ा एवं नंदवाड़ा होते हुए बाबई पहुंची। यहां से ग्राम समोन के रास्ते नसीराबाद पहुंची और मां नर्मदा की पूजा की गई। बाबई जनपद की और से यहा भंडारे की व्यवस्था थी। जिसमें करीब 4 हजार श्रद्धालुओं ने भोजन ग्रहण किया। नसीराबाद नर्मदा घाट से 51 कलश में नर्मदा जल लेकर यात्रा वापस ग्राम सोनतलाई आयी। सोमवार को यहां श्री शतचंडी महायज्ञ प्रारंभ होगा।

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