जुगनू की मौत, बर्दाश्त न कर सके बच्ची सेठ

Post by: Manju Thakur

इटारसी। लगातार दस दिन तक इटारसी, होशंगाबाद और भोपाल की अस्पताल में जिंदगी से जंग लडऩे वाला दिव्यांग जुगनू आखिर हार गया। आज दोपहर करीब ढाई बजे उसने इस संसार को अलविदा कह दिया। दोपहर में जुगनू की मौत के बाद उसके पिता गुरुबख्श सिंघ बच्ची सेठ सदमा बर्दाश्त नहीं कर सके और उनकी भी शाम को मौत हो गई। अपनी ट्रायसायकिल पर हमेशा खुश रहकर घूमते हुए लोगों को भी हंसाने वाला जुगनू गांधी अब शहर की सड़कों पर दिखाई नहीं देगा। उसे अज्ञात लोगों ने बेहद बेदर्दी से मारा था। बच्ची सेठ को भी शहर के लोग फिर नहीं मिल पायेंगे।
28 अक्टूबर की रात को मृत्युंजय टाकीज के पास हुई घटना के बाद सुबह कुछ लोगों ने उसे उठाकर अस्पताल पहुंचाया था। दिनभर इटारसी में भर्ती रहे जुगून को बेहोशी में ही उपचार के लिए जिला अस्पताल होशंगाबाद भेज दिया था। रविवार को उसकी हालत बिगडऩे पर उसे हमीदिया अस्पताल भोपाल भेजा गया जहां सोमवार को दोपहर उसने दम तोड़ दिया। जुगनू के साथ हुई घटना पर सिख समाज में रोष है। गुरुद्वारा गुरुसिंघ सभा प्रबंधन कमेटी के प्रधान जसबीर सिंघ छाबड़ा ने कहा है कि जुगनू के परिवार को इंसाफ चाहिए। इस मामले में पुलिस का रवैया उदासीन रहा है। घटना के बाद सिख समाज के लोग पुलिस अधिकारियों से मिले भी थे, लेकिन जुगनू पर हमला करने वाले आज तक नहीं पकड़े जा सके हैं।

डैडी सदमा बर्दाश्त नहीं कर सके
दोपहर में जुगनू की मौत के बाद उसके पिता गुरुबख्श सिंघ सदमा बर्दाश्त नहीं कर सके और उनकी भी शाम को मौत हो गई। बेटा गंभीर रूप से घायल था और पिता बीमार थे। उनको जुगनू की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं हुआ। अब जुगनू के पिता बच्ची सेठ भी इस दुनिया में नहीं हैं।

error: Content is protected !!