इटारसी। समीपस्थ ग्राम भीलाखेड़ी में तालाब गहरीकरण कार्य के दौरान एक युवक की मौत के बाद तालाब में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर जांच के लिए पहुंचा दल केवल निरीक्षण करके लौट गया। तालाब का निरीक्षण करने एक दिन पूर्व होशंगाबाद एसडीएम आरएस बघेल पहुंचे थे और डोलरिया तहसीलदार को इसकी नपती कराने के निर्देश दिये थे। आदेश के बाद आज पहुंचे दल ने केवल निरीक्षण कर शिकायतकर्ता को तहसील कार्यालय आकर बयान देने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि ग्राम डोलरिया में पुराने तालाब का गहरीकरण कार्य चल रहा था। इस दौरान एक 17 वर्षीय युवक की तालाब में डूबने से 3 मई को मौत हो गयी थी। युवक के परिजनों सहित कुछ ग्रामीणों का भी आरोप था कि तालाब को स्वीकृत गहरायी से अधिक खोदा जा रहा था जिसमें युवक की डूबने से मौत हुई है।
एक सदी पुराना है तालाब
ग्राम भीलाखेड़ी में स्थिति तालाब करीब सौ एकड़ में फैला हुआ है और करीब सौ वर्ष पुराना है। इस तालाब की विशेषता यह भी है कि इसमें सालभर पानी रहता है। गर्मी के दिनों में यहां जलस्तर कम भले ही हो जाए, पानी खत्म नहीं होता है। तालाब के अंदर ही कुछ स्थानों पर तीस से चालीस फुट गहरी झील भी हैं। इनके स्रोतों से निकलने वाला पानी वर्षभर इस तालाब को सूखने नहीं देता है। लेकिन इस वर्ष उक्त तालाब का जलस्तर बहुत कम हो गया था। पानी सिर्फ वहीं था जहां झील है। इन झीलों की गहरायी अधिकांश ग्रामीण अनजान है इसलिए इनके आसपास कोई नहीं जाता है। लेकिन 3 मई को ग्राम भीलाखेड़ी के ही राजेन्द्र भदौरिया का 17 वर्षीय पुत्र संदीप भदौरिया की तालाब में नहाते वक्त मौत हो गयी थी।
किसान संघ ने की शिकायत
युवक की मौत की घटना के बाद राष्ट्रीय किसान संघ ने एसडीएम होशंगाबाद को शिकायत करके तालाब में काम कर रहे ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद होशंगाबाद एसडीएम राधेश्याम बघेल ने भीलाखेड़ी पहुंचकर मौका-मुआयना किया और डोलरिया तहसीलदार को तालाब की नपती कराने के निर्देश दिये थे। तहसीलदार को तालाब की गहरायी की नपती कराना थी लेकिन यहां डोलरिया की राजस्व टीम तालाब पर पहुंची जरूर परंतु तालाब में पानी होने का कहकर नपती किये बिना ही लौट गयी। इस दौरान जो शिकायतकर्ता थे उन्हों बयान देने के लिए डोलरिया ही बुला लिया। मामले में किसान नेता हरपाल सिंह सोलंकी का आरोप है कि प्रशासन लीपापोती कर रहा है।
प्रशासन कर रहा यह जांच
दरअसल, ग्राम भीलाखेड़ी में तालाब खोदने की अनुमति ठेकेदार को मिली थी। लेकिन ठेकेदार ने यहां तालाब नहीं खोदकर तालाब के भीतर जगह-जगह गहरे गड्ढे खोद दिये। इन्हीं गड्ढों में 3 मई को गांव के युवक की गिरकर मौत हो गयी थी। इन गड्ढों में मवेशी भी गिर सकते हैं, क्योंकि मवेशी भी यहां पानी देखकर अपनी प्यास बुझाने पहुंच सकते हैं। प्रशासन को शिकायत मिली तो यह जांच हो रही है कि आखिर यह तालाब किस योजना के अंतर्गत खोदा जा रहा है, इसकी मिट्टी निकाली जो वह कहां गयी है, मिट्टी बेची है तो रॉयल्टी जमा की है या नहीं? यदि नहीं की तो ठेकेदार के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध किया जाएगा। बताते हैं कि तालाब की अनुमति लेकर गड्ढे खोदे गये और उसकी मिट्टी बेची गयी है।
इनका कहना है…!
तालाब की अनुमति ली है और जगह-जगह गड्ढे खोदे गये हैं। तहसीलदार डोलरिया जांच कर रहे हैं। हमारे पास जांच रिपोर्ट आएगी उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। जांच में देखा जा रहा है कि गड्ढों से निकली मिट्टी कहां है, यदि बेची है तो उसकी रॉयल्टी खनिज विभाग में जमा है या नहीं। यदि नहीं है तो दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
आरएस बघेल, एसडीएम होशंगाबाद