इटारसी। चिटफंड कंपनी जय विनायक और जेएसव्ही की होशंगाबाद जिले स्थित संपत्तियों की खरीद-फरोख्त पर कलेक्टर अविनाश लवानिया ने रोक लगा दी है। जय विनायक के 735 निवेशकों के 1 करोड़ 37 लाख रुपए एवं जेएसव्ही के 806 निवेशकों ने 1 करोड़ 37 लाख रुपए की निवेश राशि ब्याज सहित नहीं लौटाने और कंपनी के सभी कार्यालय बंद होने व डायरेक्टरों के फरार होने की शिकायत राकेश मीना व अन्य निवेशकों ने की है। जिस पर केसला ब्लाक के पांडुखेड़ी की 1.372 हेक्टेयर याने 4.27 एकड़ जमीन के बगीचे एवं इटारसी मेहरागांव की .513 हेक्टेयर याने 1.26 एकड़ जमीन के क्रय-विक्रय, हस्तातंरण, नामातंरण पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है।
निवेशकों के अधिवक्ता रमेश के साहू एडव्होकेट ने बताया कि स्थगन आदेश 27 नवंबर 2017 को जारी हुए हैं जिसकी प्रति एसडीएम हिमांशुचन्द्र के माध्यम से इटारसी तहसीलदार ऋषि मौर्य एवं ऋतु भार्गव को दे दी है। जिला पंजीयक होशगाबाद और उपपंजीयक इटारसी को भी आदेश प्रति दे दी है ताकि संपत्तियों की बिक्री न हो सके। कलेक्टर ने एसपी के माध्यम से चिटफंड कंपनियों की पूरे देश की संपत्तियों की जानकारी एकत्र कर प्रतिवेदन मांगा है ताकि मप्र निक्षेपकों के हितों के संरक्षण अधिनियम 2000 नियम 2003 के तहत संपत्ति कुर्क कर निवेशकों की निवेश राशि की अदायगी सुनिश्चित की जा सके।
उल्लेखनीय है कि जयविनायक और जेएसव्ही कंपनी के निवेशकों की पॉलिसियों के आकलन और सत्यापन के लिये 21, 22 एवं 23 दिसंबर 2017 को सत्यापन शिविर एसडीएम कार्यालय इटारसी में लगाया जाएगा।