सोयाबीन के बजाये धान के गजट नोटिफिकेशन की आड़ में बीमा कंपनी मालामाल
इटारसी। फसल बीमा 2015 की सोयाबीन फसल की नुकसानी के बावजूद बीमा क्लेम का लाभ बीमा कंपनी एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड भोपाल द्वारा आदिवासी ब्लाक केसला के कृषकों को नहीं दिये जाने के विरुद्ध 226 कृषकों की ओर से अधिवक्ता रमेश के साहू ने एक शिकायती आवेदन पत्र कलेक्टर अविनाश लवानिया के समक्ष पेश किया है।
श्री साहू ने बताया कि केसला ब्लाक के कृषक संजय वर्मा सहित अन्य सात कृषक जो ग्राम तीखड़, नयागांव, टांगना, कूकड़ी तालपुरा, जमानी बाबईखुर्द, पीपलढाना तथा पथरोटा के हैं, उनकी ओर से मामला पेश किया है जिस पर कलेक्टर की तत्परता से शीघ्र निराकरण होने की संभावना है। प्रकरण के अनुसार बैंक के मैनेजरों ने बीमा कंपनी के खातों में सीधे कृषक के खाते से बीमा प्रीमियम राशि ट्रांसफर कर दी तथा कुछ किसानों की दो बार प्रीमियम राशि भी काट ली गई। राज्य शासन ने गजट नोटिफिकेशन 15 मई 2015 में वर्णित मौजों को सोयाबीन के स्थान पर धान के लिये अधिसूचित कर दिया जबकि आदिवासी ब्लाक में धान की बोनी विगत वर्षों में की ही नहीं गई। स्वयं राजस्व विभाग के दस्तावेजों/पटवारी रिपोर्टों से सिद्ध है। सोयाबीन के स्थान पर धान फसल के त्रुटि पूर्ण गजट नोटिफिकेशन का भरपूर लाभ लेकर एग्रीकल्चर इंश्योरेंश कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड किसानों को फसल बीमा का प्रीमियम लेने के बावजूद मुआवजा नहीं दे रही है।
इन बैकों से फसल बीमा हुए
पंजाब नेशनल बैंक इटारसी, पथरोटा, एसबीआई, आईसीआईसीआई, सेन्ट्रल ग्रामीण बैंक, देना बैंक, विजया बैंक, सिंडीकेट बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, प्राथमिक साख सहकारी समिति जमानी एवं पथरोटा एवं अन्य बैंक । उल्लेखनीय है कि इन्हीं किसानों को पीला मोजिक के कारण सोयाबीन नुकसानी हेतु राजस्व पुस्तक परिपत्र की धारा 6(4) के तहत आर्थिक सहायता भी सोयाबीन नुकसानी के सर्वे के बाद दी गई है। किन्तु बीमा कंपनी हीला हवाला कर रही है ।